RBI Repo Rate 2025 Update: लोन होंगे सस्ते, EMI घटेगी, RBI ने की रेपो रेट में 0.25% की कटौती

RBI Repo Rate 2025 Update: रेपो रेट में कटौती का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है. बैंक RBI से सस्ते में कर्ज लेते हैं और वही फायदा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. आने वाले दिनों में होम, ऑटो और दूसरे रिटेल लोन की ब्याज दरें घटेंगी. 

RBI Repo Rate Cut
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST
  • लोन लेने वालों को मिलेगा सीधा फायदा
  • हाउसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बूस्ट

देश में होम और ऑटो लोन लेने वालों के लिए राहत की खबर है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर दी है. 3 से 5 दिसंबर तक चली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग के बाद 5 दिसंबर को RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसकी घोषणा की. कटौती के बाद रेपो रेट अब 5.25% हो गया है. 

लोन लेने वालों को मिलेगा सीधा फायदा
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है. बैंक RBI से सस्ते में कर्ज लेते हैं और वही फायदा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. आने वाले दिनों में होम, ऑटो और दूसरे रिटेल लोन की ब्याज दरें घटेंगी. 

उदाहरण के तौर पर, 20 लाख के 20 साल के होम लोन पर EMI 310 रुपए तक कम हो जाएगी. 30 लाख के लोन पर EMI में 465 रुपए तक की राहत मिलेगी. ये फायदा नए और पुराने दोनों ग्राहकों को मिलेगा. हालांकि बैंकों को यह देखना होगा कि वे कितनी जल्दी इस राहत को ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.

हाउसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बूस्ट
ब्याज दरों में कमी का मतलब है होम लोन सस्ता. इससे हाउसिंग डिमांड बढ़ती है. जो लोग अभी तक EMI ज्यादा होने के कारण घर खरीदने में पीछे हट रहे थे, वे भी बाजार में वापस आएंगे. रियल एस्टेट सेक्टर को इससे सीधा फायदा मिलेगा. डेवलपर्स के लिए भी ये माहौल अनुकूल माना जा रहा है क्योंकि कम रेट्स के समय बुकिंग बढ़ जाती है.

इस साल चौथी बार घटा रेपो रेट
RBI की ओर से इस साल चौथी बार दरों में कमी की गई है.

  • फरवरी: 6.50% से घटाकर 6.25%

  • अप्रैल: 0.25% और कटौती

  • जून: 0.50% कम

  • दिसंबर: 0.25% की नई कटौती

चारों फैसलों को मिलाकर रेपो रेट में 1.25% की कमी की जा चुकी है. लगभग 5 साल बाद इतनी लगातार राहत देखने को मिली है.

क्या होता है रेपो रेट और क्यों घटता-बढ़ता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI देश के बैंकों को लोन देता है. जब यह रेट कम होता है तो बैंकों को पैसा सस्ता मिलता है और वे अपने ग्राहकों के लिए लोन की दरें कम कर देते हैं.

महंगाई ज्यादा होने पर RBI रेपो रेट बढ़ाता है ताकि बाजार में पैसा कम हो और डिमांड घटने से महंगाई नीचे आए. वहीं जब इकोनॉमी सुस्ती में होती है, तो रेट घटाकर सिस्टम में पैसा बढ़ाया जाता है, जिससे निवेश और खपत तेज होती है.

महंगाई का अनुमान घटाकर 2% किया गया
अक्टूबर 2025 में CPI महंगाई ऐतिहासिक रूप से नीचे आ गई. खाद्य पदार्थों की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट इसका बड़ा कारण रही, जबकि कोर महंगाई भी 2.6% पर आ गई है. अच्छी फसल, बेहतर जलाशय स्तर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरम कमोडिटी कीमतों से सप्लाई मजबूत हुई है. RBI ने इस साल की महंगाई का अनुमान घटाकर 2% कर दिया है. Q3 में 0.6% और Q4 में 2.9% का अनुमान है. अगले साल Q1 और Q2 के लिए अनुमान 3.9% और 4% रखा गया है.

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