रिलायंस इंडस्ट्रीज के वाइस प्रेसीडेंट रहे प्रकाश शाह लगातार सुर्खियों में हैं. और इसकी वजह है उनका आध्यात्म की राह पर चलना. जी हां, जून 2025 में, शाह और उनकी पत्नी नैना शाह ने अपनी हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल को त्याग कर महावीर जयंती पर जैन भिक्षुओं के रूप में दीक्षा ली है. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ी है. यह बहुत चौंकाने वाला है कि उन्होंने सबकुछ त्यागकर भिक्षु के रूप में दीक्षा ली है.
मुकेश अंबानी के रहे हैं करीबी
प्रकाश शाह अपने परिवार में पहली पीढ़ी के इंजीनियर हैं, जिन्होंने 40 साल पहले इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे में केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी. पढ़ाई के बाद उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक शानदार करियर बनाया. रिटायरमेंट से पहले उन्हें मुकेश अंबानी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता था.
कैसा रहा कॉर्पोरेट करियर
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस में लगभग एक दशक तक काम करने के बाद, प्रकाश शाह ने वाइस प्रेसिडेंट (प्रोजेक्ट्स) के पद तक का सफर तय किया और जामनगर पेट-कोक गैसीफिकेशन प्लांट जैसे प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई. वह मुकेश अंबानी के सबसे करीबी लोगों में से एक थे और 2024 में अपनी रिटायरमेंट के समय, वह कथित तौर पर लगभग 75 करोड़ रुपये का सालाना वेतन कमा रहे थे.
पति-पत्नी दोनों हुए संन्यासी
महावीर जयंती 2025 पर, प्रकाश शाह और उनकी पत्नी नैना शाह ने मुंबई के बोरीवली में औपचारिक जैन व्रत (दीक्षा) लिया. उन्होंने जैन धर्म अपना लिया और अपनी सभी सांसारिक इच्छाओं को त्याग दिया. अब से, वह सफेद वस्त्र पहनेंगे, ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे और कठोर त्याग का जीवन व्यतीत करेंगे, जिसमें नंगे पैर चलना, केवल भिक्षा लेना और सभी मोहमाया को त्यागना शामिल है.
अपनी दीक्षा के साथ, प्रकाश शाह ने संन्यासी नाम प्रशांत भूषण विजयजी महाराज साहब ग्रहण किया, और उनकी पत्नी भावनिधि साध्वीजी महाराज साहब बन गईं. प्रकाश शाह और उनकी पत्नी अपने परिवार के एकमात्र सदस्य नहीं हैं जिन्होंने संन्यासी जीवन शैली को अपनाया है. प्रकाश शाह के बड़े बेटे ने भी सात साल पहले दीक्षा ली थी. वह IIT, बॉम्बे से पढ़े हैं. इसके विपरीत, कपल के छोटे बेटे ने पारंपरिक विवाहित जीवन को चुना.