Sonipat: महिला किसान का कमाल! 5 साल पहले शुरू की मरूशम की खेती, आज करोड़ों की है कमाई

हरियाणा के सोनीपत की महिला किसान डॉ. सोनिया दहिया ने मशरूम की खेती में बड़ा नाम कमाया है. सोनिया किसान के साथ प्रोफेसर भी हैं. सोनिका के पति भी प्रोफेसर हैं. सोनिया दहिया ने 5 साल पहले मशरूम की खेती की शुरुआत की थी. आज मशरूम की खेती में सोनिया का सालाना टर्नओवर करीबन 1 करोड़ 20 लाख है.

Sonia Dahiya
gnttv.com
  • सोनीपत,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव बड़वासनी की बेटी डॉ. सोनिया दहिया महिला उद्यमी होने के साथ-साथ एक शिक्षाविद् भी हैं. वह सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मुरथल में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और बायोटेक्नोलॉजी में पीएचडी कर चुकी हैं. उनके पति डॉ. विजय दहिया दिल्ली के महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट में गणित के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. दोनों पति-पत्नी ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है. सोनिया ने कड़ी मेहनत और लगन से मशरूम की खेती में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. 

साल 2020 में खरीदी थी एक एकड़ जमीन-
सोनिया ने बताया कि साल 2020 से पहले दोनों ही पति-पत्नी ने मिलकर गांव बड़वासनी में 1 एकड़ जमीन खरीदी थी. इस जमीन पर भी स्कूल बनाना चाहते थे और स्कूल के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बेहतरीन शिक्षा का एक प्रयास का विचार किया था. लेकिन इस दौरान करोना महामारी का दौर आ गया. इस दौरान जो स्कूल चल रहे थे, वह भी बंद हो गए. जिसके चलते स्कूल बनाने का विचार छोडकर उन्होंने कृषि के क्षेत्र में कदम रखने का सोचा. 

मशरूम की खेती से की शुरुआत-
हालांकि उनके लिए यह बिल्कुल नया करने जैसा था. इससे पहले कृषि का कोई अनुभव उनके पास नहीं था. लेकिन जिद जुनून और हौसले ने उन्हें इस काबिल बना दिया कि उन्होंने गांव बड़वासनी में मशरूम की खेती के लिए मशरूम एसी चैंबर बनवाएं. यहीं से उन्होंने अपनी शुरुआत की. सोनिया को तकनीकी एवं जैव प्रौद्योगिकी में शुरुआत से ही रुचि रही है और जिसका फायदा उसे मशरूम की खेती के दौरान मिला.

सोनिया ने बताया कि पहली बार रिस्क लेकर दोनों ने मिलकर 40 लाख रुपए का निवेश करके दो ग्रोइंग रूम के रूप में मशरूम चैंबर की शुरुआत की. जानकारी के मुताबिक के पहली बार उन्होंने करीबन 5600 मशरूम बैग तैयार किए थे. इस दौरान अच्छी खाद ना मिलने के चलते भी उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने खुद की कंपोस्ट खाद भी तैयार करने का फैसला किया. इस तरह उनकी शुरुआत आज एक कारवां बन चुकी है.

कई बार हो चुकी हैं सम्मानित-
उनको कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार, जिला बागवानी विभाग द्वारा राज्य स्तर की कार्यकारी सदस्य के रूप में चयन, 2022 में इंटरनेशनल बायोटेक्नोलॉजी इवेंट में सम्मान, 2023 में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा पुरस्कार, 23 दिसंबर किसान दिवस पर हिसार में सम्मानित किया जा चुका है.

सीएम सैनी ने भी किया सम्मानित-
सोनीपत के गांव की एक बेटी को मशरूम की खेती में उत्कृष्ट कार्य करने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि प्रोत्साहन के रूप में द्वितीय पुरस्कार से नवाजा है. करनाल में आयोजित 11वीं मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में उनको ये सम्मान मिला. मशरूम की खेती में सोनिया का सालाना टर्नओवर करीबन 1 करोड़ 20 लाख है. सभी खर्च निकाल कर वह साल में 25 से 30 लाख रुपए बचा लेती है. वो कई पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है.

(पवन कुमार की रिपोर्ट)

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