मैसूर में जन्मे वेंकटकृष्णन ने स्टेले को पद से हटाया, बने बार्कलेज बैंक के ग्लोबल सीईओ

वेंकटकृष्णन बार्कलेज बैंक से पहले जेपी मॉर्गन चेज में कई वरिष्ठ पद पर कामकाज कर चुके हैं, उनका ये कार्यकाल साल 1994 से 2016 तक रहा. एसेट मैनेजमेंट कारोबार में टॉप पोस्ट पर काम करने के बाद वे करीब 200 अरब डॉलर की संपत्ति को चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर के रूप में संभाल भी रहे थे. इसके साथ ही वे इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और रिस्क जैसे मामलों पर भी काम कर चुके हैं.

वेंकटकृष्णन ने 1994 से जेपी मॉर्गन चेस में भी काम किया है
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST
  • वेंकटकृष्णन ने स्टेले को पद से हटाया
  • जेपी मॉर्गनचेज में कई सीन‍ियर पदों पर रह चुके हैं वेंकट

बार्कलेज के सीईओ जेस स्टेले की जगह सी एस वेंकटकृष्णन बैंक के सीईओ बनने जा रहे हैं अभी तक सी एस वेंकटकृष्णन ग्लोबल मार्केट हेड थे. वे बार्कलेज बैंक पीएलसी के को प्रेसिडेंट पद पर कामकाज कर रहे थे, इसके साथ ही वेंकट बार्कलेज की एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य रह चुके हैं. वेंकट ने इससे पहले बार्कलेज के चीफ रिस्क ऑफिसर के रूप में भी काम किया है. 

बैंक में बदलाव लाने में निभाई है अहम जिम्मेदारी

वेंकटकृष्णन बार्कलेज बैंक से पहले जेपी मॉर्गन चेज में कई वरिष्ठ पद पर कामकाज कर चुके हैं, उनका ये कार्यकाल साल 1994 से 2016 तक रहा. एसेट मैनेजमेंट कारोबार में टॉप पोस्ट पर काम करने के बाद वे करीब 200 अरब डॉलर की संपत्ति को चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर के रूप में संभाल भी रहे थे.  इसके साथ ही वे इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और रिस्क जैसे मामलों पर भी काम कर चुके हैं. 

स्टेले को क्यों छोड़ना पड़ा पद

जेस स्टेले को यूके बैंक बार्कलेज के मुख्य कार्यकारी के रूप में पद छोड़ना पड़ रहा है, पद छोड़ने की वजह स्टेले का कार्यकाल विवादों से घिरा हुआ होना बताया जा रहा है. स्टेले एपस्टीन से अपने संबंधों के लिए भी आरोप में रहे, एपस्टीन ने यौन अपराधों के मुकदमे का सामना करते हुए अगस्त 2019 में जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. एफसीए और पीआरए द्वारा इस मामले में जांच शुरू की गई थी. यूएस नियामकों ने दो व्यक्तियों के बीच इस बारे में किये गए ईमेल यूके निकायों को सौंपे थे.

बार्कलेज ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया

स्टेले ने बार्कलेज को मुश्किल भरे वक्त में कामयाबी दिलाई थी, हांलाकि निवेश रणनिती को लेकर स्टेले पर कई तरह के विवाद भी खडे होते रहे हैं. कोरोना महामारी के दौर में स्टेले ने कंपनी को भारी मुनाफा भी दिया था.

 

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