कई महीनों से चली आ रही अटकलों को विराम देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में पुराने लेबर कानून को बदलकर नए लेबर कोड को लाने की बात कही थी. फिलहाल इसकी तारीख तय नहीं है. लेकिन ये तय है कि ये बदलाव बहुत जल्द होगा और जिस दिन ऐसा हुआ. उस दिन से आपकी जिंदगी बदल जाएगी.
देश में 1 अक्टूबर से हो सकता है लागू
नौकरीपेशा और कामगार लोगों की वर्किंग लाइफ में बदलाव के लिए सरकार बेहद जल्द नया लेबर कोड लाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि 1 अक्टूबर से सरकार देश में नया लेबर कोड लागू कर सकती है. नए कोड के लागू होने के बाद साप्ताहिक छुट्टी और सैलरी में बदलाव होगा.
श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए पुराने श्रम कानूनों को 4 लेबर कोड के अंतर्गत करने की बात कही है. ये चार लेबर कोड हैं. वेज, सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी. कहा जा रहा है कि इन 4 लेबर कोड से नौकरीपेशा, कामगारों के लिए बेहतर नियमों की शुरुआत होगी.
बता दें कि 25 अगस्त को राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित करते हए पीएम मोदी ने श्रम कानूनों में किए गए बदलाव के बारे में बताया था. लोगों की निजी ज़िंदगी और काम के बीच में बैलेंस के लिए नए श्रम कानून को लाया जा रहा है. केंद्र सरकार चाहती है कि सभी राज्य नए लेबर कोड को एक साथ लागू करें.
नया लेबर कोड लागू होता है, तो ये बदलाव हो सकते हैं.
हफ्ते में वर्किंग डे को घटाकर 4 दिन किया जा सकता है, तो वहीं 3 वीकऑफ होंगे.
3 दिन वीकऑफ लेने के लिए आपको वर्किंग डे के दौरान 12 घंटे काम करने होंगे. यानि कुल मिलाकर हफ्ते में आपको 48 घंटे काम करने होंगे.
180 दिन काम के बाद आप लंबी छुट्टी लेने के योग्य होंगे.
बची हुई छुट्टियों को साल के अंत में कैश करवाया जा सकेगा.
नए लेबर कोड में वर्क फ्रॉम होम पर भी विचार किया गया है.
सैलरी में बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी तक हो जाएगा.
सैलरी के बाकी बचे 50 फीसदी में अलाउंस होंगे.
हालांकि इससे टेक होम सैलरी कम हो जाएगी.
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी तो PF कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा.
पीएफ के अलावा ग्रेचुएटी में भी बढ़ोतरी होगी.
नौकरी छोड़ने या निकाले जाने की स्थिति में कर्मचारिय़ों का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट 2 दिन के भीतर करना होगा.
रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी को मोटी रकम मिलेगी.
यानि अगर नया लेबर कोड लागू होता है तो आपकी सैलरी, वर्किंग ऑवर, पीएफ, एनुअल लीव, पेड लीव वगैरह सब बदल जाएंगे. नए लेबर कोड से आपके काम के घंटे से लेकर पीएफ भागीदारी, बेसिक सैलरी जैसी कई जरूरी चीजें बदल जाएंगी. आपकी सैलरी से लेकर आपकी सोशल सिक्योरिटी में सुधार होगा. कुल मिलाकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए ये लेबर कोड फायदेमंद रहने वाला है.
29 विभिन्न अधिनियमों को 4 लेबर कोड में किया गया तब्दील
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही में कहा था कि हमने पुराने कानूनों को युक्तिसंगत बनाया है और पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उचित मेहनताना सुनिश्चित करने के लिए ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड वेज स्टैंडर्ड पर विचार किया है. भूपेंद्र यादव ने कहा था कि 29 विभिन्न अधिनियमों को चार नए लेबर कोड में तब्दील कर दिया गया है.