MP Police Constable Recruitment Exam: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को मिल रहा 700-800 किलोमीटर दूर एग्जाम सेंटर, जानें में समय भी अधिक लग रहा और किराया भी, उम्मीदवारों ने बताई अपनी पीड़ा 

मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कई अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों को लेकर खासे नाराज हैं. उनकी नाराजगी इस बात पर है कि जिन परीक्षा केंद्रों को उन्होंने प्रिफरेंस में चुना था, उसकी बजाय उन्हें अन्य परीक्षा केंद्र दिए गए हैं. इनमें से कई ऐसे हैं, जो 700-800 किलोमीटर दूर हैं. 

Candidates appearing for Madhya Pradesh Police Constable Recruitment Exam are worried.
gnttv.com
  • भोपाल/इंदौर/छिंदवाड़ा,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कई अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों को लेकर खासे नाराज हैं. उनकी नाराजगी इस बात पर है कि जिन परीक्षा केंद्रों को उन्होंने प्रिफरेंस में चुना था, उसकी बजाय उन्हें अन्य परीक्षा केंद्र दिए गए हैं. इनमें से कई ऐसे हैं, जो 700-800 किलोमीटर दूर हैं. अभ्यर्थी दूरदराज के परीक्षा केंद्र जाने से परेशान हैं तो वहीं जयस विधायक ने इस बारे में कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

मध्य प्रदेश में इन दिनों पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा चल रही है. 40 दिनों तक चलने वाली भर्ती परीक्षा में ईएसबी (Employee Selection Board) ने पूरे प्रदेश में 16 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए हैं. यह परीक्षा केंद्र भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, मंदसौर, सागर, सतना, खंडवा, गुना, दमोह, सीधी, छिंदवाड़ा और बालाघाट में है. इतने सारे जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने का मकसद था कि अभ्यर्थियों को गृह जिले से ज्यादा से ज्यादा 200-300 किलोमीटर ही जाना पड़े लेकिन परीक्षा से 2 दिन पहले जब एडमिट कार्ड मिलो तो कई अभ्यर्थियों के होश उड़ गए क्योंकि न केवल उन्हें ऐसे परीक्षा केंद्र मिले जो उनकी प्रिफरेंस सूची में थे ही नहीं बल्कि उनकी दूरी 700 से लेकर 800-900 किलोमीटर तक की है. यह परीक्षार्थी के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं. 

अभ्यर्थियों ने लगाए आरोप 
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें परीक्षा केंद्र उनकी प्राथमिकता के अनुसार नहीं, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर जिलों में आवंटित कर दिए गए हैं. इसके कारण न केवल उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. धार और झाबुआ जो गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिले हैं, वहां रहने वाले अभ्यर्थियों को सीधी, सतना और जबलपुर जैसे जिलों में परीक्षा केंद्र मिले हैं, जो यहां से 650 से लेकर 860 किलोमीटर तक दूर हैं. इसकी वजह से कुछ लोगों को तो दोस्तों से रुपए उधार लेकर परीक्षा देने जाना पड़ा है.

केस स्टडी 1: धार जिले की मनावर तहसील के रहने वाले उमरबन ने बताया कि वो दोस्त से 3 हजार रुपए उधार लेकर परीक्षा देने धार से सीधी 863 किलोमीटर दूर गए थे.

केस स्टडी 2: धार की रहने वाले नैना मुजाल्दे का कहना है कि उन्होने इंदौर, उज्जैन, भोपाल और रतलाम सेंटर चुना था लेकिन एग्जाम सेंटर सीधी दे दिया है तो इतने दूर जाने में बड़ी परेशानी आ रही है. 19 नवंबर को मेरी परीक्षा है.

केस स्टडी 3: इंदौर के रहने वाले मनीष पाटीदार ने बताया कि मेरा सेंटर सीधी आया है 18 तारीख को जबकि मैनें सेंटर च्वाइस में रतलाम, नीमच, उज्जैन और इंदौर दिया था, लेकिन मुझे सेंटर दिया है सीधी. मुझे जाने में कम से कम 15 घंटे लगेंगे. पहले मुझे इंदौर से भोपाल जाना पड़ेगा. वहां से रीवा तक ट्रेन से जाना है और फिर वहां से सीधी बस से जाना पड़ेगा. एक तो टाइम भी लगेगा, सो भी नही पाएंगे तो पेपर बिगड़ने का डर है.

केस स्टडी 4: छिंदवाड़ा के संजीव चौरे ने बताया कि एमपी पुलिस आरक्षक परीक्षा एडमिट कार्ड नहीं आया है लेकिन सतना शहर का नाम आ गया है. एग्जाम देने सतना जाएंगे. अभी जाने का सोचा नहीं है. यहां से 400 से 500 किमी दूर है. एग्जाम की तैयारी की है तो जाना तो पड़ेगा, पहले तो जाने का साधन तलाशना है कि किससे और कैसे जाएंगे. एक दिन पहले जाना है, सेंटर देखना है. कभी अंजान शहर गए नहीं हैं. परिवार में उतनी अच्छी आर्थिक स्थिति नहीं है. पैसों की दिक्कत आएगी. एग्जाम सेंटर दूर देना गलत है. एक तो बहुत दूर दे रहे हैं. हमको जो सेंटर पसंद था वो पहले ही डाल दिए थे, अब मनमर्जी से सेंटर दे रहे हैं.

बीच सफर में खराब हुई बस, नहीं पहुंच सके परीक्षा केंद्र
विडंबना यह भी है कि जब दूर का एग्जाम सेंटर मिला तो इसकी भी गारंटी नहीं कि समय पर एग्जाम सेंटर पहुंच ही जाएंगे. धार जिले के कुक्षी के रहने वाले दीपक भाभर उन अभागों में से हैं, जो धार से सतना परीक्षा देने के लिए 775 किलोमीटर का सफर तय कर जा रहे थे लेकिन सतना से 350 किलोमीटर पहले उनकी बस खराब हो गई और वो परीक्षा केंद्र तक ही नहीं पहुंच पाए. दीपक की परीक्षा 11 नवंबर को थी. इसके लिए दीपक 10 नवंबर को कुक्षी से इंदौर बस से पहुंचे. फिर इंदौर से सतना के लिए रात साढ़े आठ बजे बजे बस पकड़ी, जो सुबह 9 बजे सतना पहुंचती लेकिन सतना से 350 किलोमीटर पहले नूरनगर में तड़के 4 बजे बस खराब हो गई.

परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के पास है, लेकिन इस बार मंडल की कार्यप्रणाली को लेकर अभ्यर्थियों ने गंभीर सवाल उठाए हैं. कई छात्रों का कहना है कि आवेदन भरते समय उन्हें स्पष्ट रूप से यह विकल्प दिया गया था कि वे अपने नज़दीकी जिले या शहर को परीक्षा केंद्र के रूप में चुन सकें. अभ्यर्थियों ने निकटवर्ती जिलों को प्राथमिकता दी थी, ताकि वे बिना अतिरिक्त खर्च और समय गंवाए परीक्षा में शामिल हो सकें लेकिन परीक्षा केंद्रों की लिस्ट जारी होते ही छात्रों के बीच हड़कंप मच गया. धार जिले की मनावर से जयस विधायक हीरालाल अलावा ने इस मामले में मांग की है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए कि परीक्षा केंद्र दूर दराज के क्षेत्र में ना दिया जाए क्योंकि यात्रा की थकान और आर्थिक बोझ के कारण कई उम्मीदवार परीक्षा के दिन अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. कोई भी भर्ती परीक्षा लाखों युवाओं के लिए अपने भविष्य का सबसे बड़ा अवसर होती है लेकिन दूर-दराज के परीक्षा केंद्र मिलने से मेहनत करने वालों के लिए यह रास्ता और मुश्किल हो जाता है जिसे समझने की ज़रूरत है.

(रवीश पाल सिंह/धर्मेंद्र शर्मा/पवन शर्मा की रिपोर्ट)


 

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