Delhi University में फिर से शुरू होगी Youth Special Bus Services, CM रेखा गुप्ता ने की घोषणा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह घोषणा दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल सेंटर स्कूल में नए अकादमिक ब्लॉक के उद्घाटन के मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए की.

Delhi CM Rekha Gupta (File Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) परिसर के आसपास 'यूथ स्पेशल' बस सेवा को दोबारा शुरू किया जा रहा है, ताकि छात्रों को एक आसान और सुविधाजनक परिवहन सुविधा मिल सके. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल सेंटर स्कूल में नए अकादमिक ब्लॉक के उद्घाटन के मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए की.

रेखा गुप्ता ने कहा, "जब मैं खुद छात्रा थी, तब भी DU छात्रों के लिए 'यूथ स्पेशल' बस चलती थी. अब सरकार इसे फिर से शुरू कर रही है. यह बस DU के रूट पर चलेगी और इसमें हल्का संगीत भी बजेगा. यह मेरी तरफ से छात्रों को आज का तोहफा है."

कॉलेज अपनाएंगे सरकारी स्कूल
छात्रों में मार्गदर्शन और सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि दिल्ली के कॉलेज पास के सरकारी स्कूलों को गोद लें. उन्होंने कहा, "हमारे कॉलेज दो-तीन स्कूल क्यों नहीं अपनाते, जहां कॉलेज के छात्र हर हफ्ते जाकर बच्चों को पढ़ाएं और प्रेरित करें?" इसके लिए उन्होंने शिक्षा मंत्री आशीष सूद को एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया. 

शिक्षा मंत्री की भावनात्मक बात
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने DU के अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा, "दिल्ली यूनिवर्सिटी आना मेरे लिए बहुत भावुक पल है. मैंने यहां कई साल बिताए हैं. जब मैं किसी नए शैक्षणिक भवन को देखता हूं, तो मुझे उसमें ईंट-पत्थर नहीं दिखते, बल्कि मुझे उसमें से निकलते डॉक्टर, इंजीनियर और देशभक्त नजर आते है." उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता शिक्षा का लोकतंत्रीकरण है, जिससे हर किसी को समान अवसर मिले.

कुलपति का छात्रों को संदेश
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने भी समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों से कहा, "आपको समस्या बताने वाला नहीं, बल्कि समाधान देने वाला बनना चाहिए." उन्होंने बताया कि जो नया अकादमिक ब्लॉक बना है, वह 21 करोड़ रुपये की लागत से 21 महीनों में तैयार किया गया है.

उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि शिक्षा प्रणाली में ऐसा माहौल बने, जहां छात्र देश-केन्द्रित सोच रखें, स्वार्थ-केन्द्रित नहीं. उन्होंने कहा कि यह भावना पिछले 75 सालों में कहीं न कहीं कम होती गई है. 

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