रेलवे में नौकरी पाने की तैयारी कर रहे लाखों स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है. अब वे धार्मिक प्रतीक चिह्नों को पहनकर रेलवे की कोई भी परीक्षा दे सकते हैं. इंडियन रेलवे ने इसके लिए नियमों में बदलाव किए हैं. इस संबंध में नोटिफिकेशन भी निकाला है. आइए जानते हैं नए नियम के तहत क्या-क्या बदलाव किए गए हैं.
अब पगड़ी, बिंदी, कलावा के साथ दे सकेंगे रेलवे का एग्जाम
इंडियन रेलवे के नए नियम के तहत अब परीक्षार्थी धार्मिक प्रतीक चिह्नों जैसे पगड़ी, हिजाब, कड़ा, क्रॉस, लाकेट, कलावा, बिंदी आदि को पहनकर परीक्षा केंद्रों में जा सकते हैं. बस यह ध्यान रखना होगा उनके ऐसा करने से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा हो. आपको मालूम हो कि पहले रेलवे के किसी भी परीक्षा में किसी भी प्रकार का धार्मिक प्रतीक पहनकर उम्मीदवार को परीक्षा देने पर रोक थी.
क्यों बदला गया ये नियम
कर्नाटक में हाल ही में हुए रेलवे भर्ती परीक्षा के दौरान कुछ स्टूडेंट्स के हाथों से कलावा उतरवा दिया गया था. पंजाब में भी धार्मिक प्रतीकों को उतारा गया था. इसके बाद विद्यार्थियों ने इसका काफी विरोध किया था. ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया था. अब रेलवे ने इसके लिए अपने पुराने नियम में बदलाव किया है. इंडियन रेलवे की इस पहल को सेक्युलर गाइडलाइन नाम दिया गया है. इसमें आस्था और सुरक्षा दोनों का संतुलन रखा गया है. रेलवे ने यह फैसला संविधान में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए लिया है. रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह परिवर्तन न सिर्फ अभ्यर्थियों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करता है, बल्कि भारत की विविधता को भी मान्यता देता है.
क्यों पहले नहीं दी गई थी अनुमित
इंडियन रेलवे ने पहले परीक्षा में धार्मिक प्रतीकों को पहनकर जाने की अनुमति इसलिए नहीं दी थी. ऐसा करने का मुख्य कारण था कि कहीं कोई स्टूडेंट धार्मिक प्रतीकों में किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट छिपाकर न लेकर चला जाए और उससे परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित हो. रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि भले ही धार्मिक प्रतीकों को पहनने की इजाजत दे दी गई है लेकिन इनकी सही तरीके से चेकिंग होने के पश्चात ही किसी भी विद्यार्थी को इन्हें पहनकर एग्जाम हॉल में जाने की अनुमित दी जाएगी.
ऐसे होगी परीक्षार्थियों की पहचान
रेलवे भर्ती परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों की पहचान के लिए चेहरे का मिलान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) बेस्ड सिस्टम से रियल टाइम फेस मैचिंग द्वारा करने का फैसला लिया गया है. केवाईसी के माध्यम से भी चेहरे के सत्यापन का फैसला लिया गया है. सभी एग्जाम सेंटर्स पर CCTV से नजर रखी जाएगी.
रेलवे परीक्षा में सुधार को लेकर ये भी हुए बदलाव
रेलवे की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को बार-बार व्यक्तिगत विवरण, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, फोटो एवं सिग्नेचर आदि अपलोड नहीं करने पड़ेंगे. एक बार ओटीआर प्रोफाइल बनने के बाद भविष्य की कई रिक्तियों में उसी प्रोफाइल से आवेदन किया जा सकेगा. इसके लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान की गई है. इससे डेटा की एकरूपता और गलतियों की आशंका कम हो जाएगी.
रेलवे भर्ती बोर्ड की वेबसाइट को दिव्यांगजनों के अनुकूल अपडेट किया गया है. जो दिव्यांगजन सुन नहीं सकते, देख नहीं सकते, उनके लिए भी अलग से फीचर्स उसमें उपलब्ध कराए गए हैं. ऑडियो सिस्टम भी है, जिसमें पूरी प्रक्रिया के बारे में समझाया गया है. इसके अलावा साल 2024 में पहली बार ग्रुप-सी की बहाली के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी किया गया था. यह नियम भी लागू किया गया है कि छात्रों का परीक्षा केंद्र 250 किलोमीटर के दायरे में आयोजित किया जाएगा और अगर केंद्र पर जगह नहीं मिली, तब 500 किलोमीटर के दायरे में असाधारण परिस्थितियों में परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा.