चेन्नई के कट्टनकुलथुर स्थित SRM Institute of Science and Technology (SRMIST) का 21वां दीक्षांत समारोह इस बार बेहद खास रहा. मंच पर मौजूद थे देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक संस्थान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन, जिनके शब्दों ने हजारों छात्रों के दिलों में नई ऊर्जा भर दी.
समारोह में डॉ. वी. नारायणन और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके अद्वितीय योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस (Honoris Causa) की मानद उपाधि प्रदान की गई.
ऊंचाइयों पर पहुंचो, लेकिन ईमानदारी मत छोड़ो
अपने संबोधन में डॉ. नारायणन ने कहा, "चाहे आप कितनी भी ऊंचाइयों को छू लें, लेकिन सफलता की नींव हमेशा ईमानदारी होनी चाहिए."
उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम कभी एक छोटे रॉकेट से शुरू हुआ था, जो अमेरिका ने दान में दिया था, और आज भारत एयरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है. यह सफर हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की लगन और दृष्टिकोण का परिणाम है.
इस बार 9,769 छात्रों ने हासिल की डिग्रियां
इस दीक्षांत समारोह में कुल 9,769 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 7,586 पुरुष और 2,183 महिलाएं शामिल थीं.
इसके अलावा 157 रैंक मेडलिस्ट को सम्मानित किया गया, जिनमें 93 ने पहला स्थान, 39 ने दूसरा, और 25 ने तीसरा स्थान हासिल किया.
गवर्नर का संदेश
समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा, "ईमानदारी, कड़ी मेहनत और धैर्य- यही असली सफलता की चाबी है. चुनौतियां सबके जीवन में आती हैं, लेकिन उन्हें पार करना ही भविष्य गढ़ता है."
उन्होंने छात्रों को जीवनभर सीखते रहने, विनम्र रहने और माता-पिता के बलिदान को याद रखने की सलाह दी.
SRMIST के वाइस चांसलर ने बताया कि यहां के 56.4% पीएचडी स्कॉलर महिलाएं हैं, और 44.5% रैंक होल्डर भी महिलाएं हैं, जो संस्थान की जेंडर इक्विटी और इनक्लूसिव एक्सीलेंस की सोच को दर्शाता है.