Uri Border School: सीमा पर पाकिस्तान के हमले के लिए बस सेना नहीं, स्टूडेंट भी तैयार... उरी के इस स्कूल में दी जा रही गोलियों से बचने की खास ट्रेनिंग

सीमा पर पाकिस्तान के सीज़फायर उल्लंघन की वजह से जम्मू कश्मीर के उरी में बॉर्डर के पास मौजूद तिलवारी गांव के स्कूल में छात्रों को सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई है. 

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच माहौल गर्म हो चुका है. पाकिस्तान ने हाल ही में यह दावा किया कि भारत '24 से 36 घंटे में' हमला करेगा. भारत ने अब तक कोई हमला नहीं किया लेकिन पाकिस्तान इस बीच कई बार सीमा पर सीज़फायर का उल्लंघन कर चुका है. 

सीमा पर पाकिस्तान की इसी हरकत की वजह से जम्मू कश्मीर के उरी में बॉर्डर के पास मौजूद तिलवारी गांव के स्कूल में छात्रों को सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई है. 

कैसे दी जा रही सुरक्षा ट्रेनिंग 
जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ती जा रही है. पहलगाम हमले के बाद यहां तैनात सैनिक हर आने-जाने वाली गाड़ी की जांच कर रहे हैं. पहलगाम हमले के बाद से बारामूला में पुलिस के जवान पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. इसी बीच, बारामूला के सीमावर्ती शहर उरी में भी चौकसी बढ़ गई है. 

जम्मू कश्मीर के उरी में बॉर्डर से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित तिलवारी गांव के स्कूल में छात्रों को सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. बॉर्डर का इलाका होने के चलते यहां सीमा पार से गोलीबारी की आशंका बनी रहती है. पहलगाम हमले के बाद यह आशंका और बढ़ गई है. इसी के चलते छात्रों को खतरों की स्थिति को देखते हुए बचाव की ट्रेनिंग दी जा रही है.

बच्चे ट्रेनिंग को अच्छी तरह समझ रहे हैं.

छात्रों को ट्रेनिंग देते हुए शिक्षक बताते हैं कि हमला होने पर उन्हें फर्श पर लेट जाना है, या डेस्क के नीचे छिप जाना है. जब शिक्षक बच्चों को ट्रेनिंग देने के बाद उनसे पूछते हैं कि वे हमला होने पर क्या करेंगे, तो बच्चे झटपट फर्श पर लेट जाते हैं. फिर शिक्षक पूछते हैं, "आपको हमले के वक्त क्या नहीं करना?" तो बच्चे जवाब देते हैं, "खिड़की और दरवाज़ों के पास नहीं रहना." 

शिक्षकों ने रखी यह मांग
उरी के तिलवारी गांव में स्थित यह स्कूल सीमा से महज 200 मीटर की दूरी पर पाकिस्तानी बंकरों के करीब स्थित है. इसलिए यहां बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जा रहा है. शिक्षा विभाग की तरफ से सुरक्षा उपायों को लेकर की गई इस व्यवस्था के तहत स्कूल में बच्चों को ट्रेनिंग तो दी ही जा रही है, लेकिन यहां शिक्षकों ने सरकार से एक और मांग की है. 

उरी में जहां यह स्कूल है, उस तिलवारी गांव में सिर्फ दो सामुदायिक बंकर हैं. टीचर इस स्कूल परिसर में भी सुरक्षा के लिहाज से बंकर बनाने की मांग कर रहे हैं. बहरहाल, छात्र पूरी शिद्दत से यहां सुरक्षा को लेकर दी जा रही ट्रेनिंग में भाग ले रहे हैं ताकि किसी तरह की खतरे की स्थिति में महफूज रहा जा सके.

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