अब बोर्ड परीक्षा में फेल होने के बाद विद्यार्थियों का कीमती साल बर्बाद नहीं होगा. राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (RSOS) ने विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. अब ऐसे सभी फेल विद्यार्थी उसी साल दोबारा परीक्षा देकर पास हो सकेंगे. इसके लिए ऑन-डिमांड परीक्षा सिस्टम शुरू किया जा रहा है. राजस्थान ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, इस योजना की औपचारिक शुरुआत 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के मौके पर की जा सकती है. पहली बार आवेदन प्रक्रिया सितंबर 2025 में शुरू होगी और अक्टूबर में पहली ऑन-डिमांड परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसके बाद जनवरी और मार्च 2026 में भी परीक्षाएं होंगी.
कब और कैसे होंगी परीक्षाएं
- अक्टूबर, जनवरी और मार्च में परीक्षा आयोजित की जाएगी.
- सितंबर, दिसंबर और फरवरी में आवेदन लिए जाएंगे.
- आवेदन करने वालों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर परीक्षा में मौका मिलेगा.
- ऑनलाइन आवेदन होंगे, लेकिन परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की जाएगी.
- जिस महीने परीक्षा होगी, उसी महीने के अंत तक परिणाम जारी कर दिए जाएंगे.
- आधार कार्ड अनिवार्य होगा और केवल फेल विद्यार्थी ही आवेदन कर सकेंगे.
कहां आयोजित होगी परीक्षा
- यह परीक्षा जयपुर, बीकानेर और उदयपुर की डाइट में आयोजित की जाएगी.
- स्टेट ओपन स्कूल हर महीने के पहले से तीसरे सोमवार, मंगलवार और बुधवार को परीक्षा लेगा.
- हर दिन दो पारियों में परीक्षा होगी.
- एक पारी में 50 विद्यार्थी परीक्षा देंगे, यानी एक दिन में 100 विद्यार्थी.
- एक सप्ताह में एक केंद्र पर 300 विद्यार्थी परीक्षा देंगे.
- तीनों केंद्रों पर प्रति सप्ताह 900 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे.
- तीन सप्ताह में कुल 2700 विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी.
कौन कर सकता है आवेदन
- इस परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे, जो राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल या देश के 75 अन्य बोर्डों की परीक्षा में फेल हुए हैं.
- अगर विद्यार्थी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं, तो उनका एक साल बच जाएगा.
- इसके बाद वे सीधे अगली कक्षा में प्रवेश के योग्य हो जाएंगे.
फीस और प्रबंधन
- परीक्षा फीस तय करने पर अभी विचार चल रहा है.
- डाइट प्रिंसिपल परीक्षा के केंद्राध्यक्ष होंगे.
- प्रत्येक डाइट में स्टेट ओपन स्कूल के सहायक निदेशक को कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा.
यह नई व्यवस्था फेल विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी. अब सालभर इंतजार करने के बजाय वे उसी साल पास होकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे.
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