Robot teaching rural students in Karnataka: गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए पढ़ाई को मजेदार और आसान बना रही है रोबोट शिक्षा

कर्नाटक के सिरसी जिले में एक शिक्षक ने एक खास रोबोट बनाया है जिसका नाम है शिक्षा और यह रोबोट चौथी क्लास तक के बच्चों को पढ़ा सकता है.

Robot Shiksha (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 11 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST
  • अपनी सेविंग्स खर्च कर बनाया रोबोट 
  • हर एक सरकारी स्कूल में हो 'शिक्षा'

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी में एक टेक गीक ने 'शिक्षा' नाम का एक ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया है जो कक्षा चार तक के बच्चों को पढ़ा सकता है. सिरसी के चैतन्य एमईएस पीयू कॉलेज में लेक्चरर अक्षय माशेलकर ने इस रोबोट को बनाया है.  शिक्षा कक्षा 4 तक विभिन्न विषयों जैसे तुकबंदी, सप्ताह के दिन, आकृतियों के नाम और बहुत कुछ पढ़ा सकती है. 

फिजिक्स में इलेक्ट्रॉनिक्स स्पेशलाइजेशन के साथ मास्टर्स करने के बाद माशेलकर अपनी मां के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रोफेसर बन गए. शिक्षा क्षेत्र में काम करते हुए, उन्होंने महसूस किया कि बड़े पैमाने पर तकनीकी प्रगति के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में इंटरैक्टिव टीचिंग टूल्स की कमी है. और खासकर लॉकडाउन के बाद उन्हें लगा कि कुछ इनोवेटिव करना चाहिए. 

अपनी सेविंग्स खर्च कर बनाया रोबोट 
योर स्टोरी के मुताबिक, आठ महीने के व्यापक शोध के बाद, माशेलकर ने 2022 की शुरुआत में शिक्षा को डिज़ाइन किया. अपनी बचत और कुछ रिसर्च परियोजनाओं से मिले फंड का उपयोग करते हुए, उन्होंने रोबोट के अनुसंधान और विकास पर लगभग 40,000 रुपये से 45,000 रुपये खर्च किए. उन्होंने अपने आठ से दस छात्रों के साथ रोबोट बनाया, जिन्होंने स्वेच्छा से उनकी मदद की. 

आपको बता दें कि शिक्षा नाम की यह रोबोट, विभिन्न विषयों जैसे कन्नड़ राइम्स, अंग्रेजी कविता, सप्ताह के दिन, आकृतियों के नाम, अंग्रेजी अक्षर और यहां तक ​​कि मल्टीप्लिकेशन टेबल भी सिखा सकती है. रोबोट को इस्तेमाल करना आसान है. यूजर को इसे शुरू करने के लिए बटन दबाना होता है, जिसके बाद संबंधित जानकारी के साथ एक मास्टरकार्ड को उसके दाहिने हाथ में रखना होता है. हर एक विषय के लिए अलग-अलग मास्टर कार्ड हैं. यह अब तक, रोबोट कक्षा 4 तक पढ़ा सकती है. 

हर एक सरकारी स्कूल में हो 'शिक्षा'
माशेलकर इसे उच्च कक्षाओं में उपयोग के लिए संशोधित करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, रोबोट की लिमिटेशन यह है कि यह रियल-टाइम में काम नहीं कर सकती है, जिसका अर्थ है कि यह सिरी या एलेक्सा जैसे अन्य एआई सिस्टम जैसे प्रश्नों का जवाब नहीं दे सकती है. हालांकि, माशेलकर का कहना है कि उन्होंने जानकर इसे ऐसे बनाया ताकि इसका उपयोग सिर्फ पढ़ाई के लिए हो. 

अब तक, माशेलकर ने सिरसी और उसके आसपास के 25 से अधिक स्कूलों का दौरा किया है, जिनमें से सभी शिक्षा रोबोट को अपने शिक्षण मॉड्यूल में शामिल करने में रुचि रखते हैं. रोबोट की निर्माण लागत 35,000 रुपये है, जिसे माशेलकर ने वहन किया है. उन्होंने स्कूलों को मुफ्त में डेमो दिया है. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि एनजीओ और उन स्कूलों के पूर्व छात्रों की मदद से संस्थान शिक्षा रोबोट की कीमत दे सकते हैं. उन्होंने अपनी परियोजना को और विकसित करने के लिए सरकारी मदद लेने की भी योजना बनाई है. 

 

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