झालावाड़, राजस्थान के पीपलोडी गांव में एक किसान ने बच्चों की शिक्षा के लिए अपना पुश्तैनी घर दे दिया है. गांव का सरकारी स्कूल भवन गिरने के बाद बच्चों की पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया था. ऐसे में मोर सिंह नाम के किसान ने अपने आठ सदस्यों के परिवार के साथ तिरपाल की अस्थाई झोपड़ी में रहने का फैसला किया और अपना घर स्कूल चलाने के लिए दे दिया. मोर सिंह खुद कभी स्कूल नहीं गए, लेकिन चाहते हैं कि उनके गांव का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. उनके इस कदम से गांव में शिक्षा का माहौल बना है. एक ग्रामीण ने कहा, "पढ़ाई के प्रति कैसा लग रहा माहौल बहुत बढ़िया चल रहा है। बच्चे विद्यालय आएँगे, आएँगे सब।" मोर सिंह ने पंचायत से संपर्क कर अपने घर में स्कूल चलाने की अनुमति ली. उनकी इस नेक पहल के लिए 15 अगस्त को प्रशासन ने उन्हें सम्मानित भी किया. झालावाड़ के इस आदिवासी बहुल गांव में शिक्षा की अहमियत को मोर सिंह बखूबी समझते हैं.