मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है. 'गिफ्ट अ डेस्क' नामक इस पहल के तहत प्राथमिक विद्यालयों में बेंच और डेस्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिला प्रशासन की इस मुहिम से अब बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई नहीं करते. पहले उन्हें नीचे बैठने से कमर दर्द और खराब लिखावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. एक छात्र ने बताया, "पहले जब मैं नीचे बैठती थी तो मेरे कपड़े गंदे होते थे और कमर दुखती थी और मेरी राइटिंग भी अच्छी नहीं जाती थी. अब ब्रेन्स आ गई है तो मेरी राइटिंग भी अच्छी जाती है और कमर भी नहीं दिखती और कपड़े भी गंदे नहीं होते" इस अभियान के तहत 1300 से अधिक सरकारी स्कूलों में से 500 विद्यालयों में डेस्क और बेंच पहुँच चुके हैं. प्रत्येक डेस्क-बेंच यूनिट की कीमत ₹2002 तय की गई है. आम लोगों को जोड़ने के लिए एक लिंक, क्यूआर कोड और डेडिकेटेड कॉल सेंटर भी बनाया गया है. अब तक 1.25 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के बेंच-डेस्क स्कूलों को मिल चुके हैं. इस पहल का उद्देश्य बच्चों को बेहतर माहौल में शिक्षा देना और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना है.