Bihar Assembly Election 2025: बिहार एनडीए में जल्द होगा सीटों को बंटवारा, क्या होगा फॉर्मूला?

बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है. सियासी गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. लेकिन सीटों के बंटवारे का ऐलान विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद किया जाएगा.

Bihar NDA
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कुछ हफ्तों में हो सकता है. उधर, सियासी दलों के गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है. एनडीए में सीटों के बंटवारे की घोषणा चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद होगा. संभावना है कि चुनाव आयोग दशहरे के बाद अक्तूबर के पहले हफ्ते में चुनाव की घोषणा करेगा. 

एनडीए में सीटों का बंटवारा जल्द
सूत्रों के अनुसार सितंबर अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. इससे पहले प्रारंभिक दौर की बातचीत इस महीने के अंत तक होने की संभावना है. ऐसा उम्मीदवारों के ऐन वक्त पर पाला बदलने से रोकने के लिए भी किया जाएगा.

घटक दल चाहते हैं ज्यादा सीटें-
एनडीए के छोटे घटक दल ज्यादा सीटों के लिए ज़ोर आज़माइश कर रहे हैं. ख़ासतौर से चिराग पासवान के तेवर अब भी ठंडे नहीं पड़े हैं. उनके समर्थक उन्हें बिहार के अगले सीएम के तौर पर पेश कर रहे हैं. हालाँकि ख़ुद चिराग पासवान कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा हैं.

इस बीच बीजेपी नेताओं का दावा है कि चिराग पासवान पीएम मोदी को ही अपना नेता मानते हैं और वे एनडीए छोड़ कर नहीं जाएंगे. पिछला चुनाव चिराग पासवान ने अकेले लड़ा था और जेडीयू को नुकसान पहुँचाया था.

NDA में सीटों को लेकर लगभग फ़ॉर्मूला तय-
वैसे सूत्रों के अनुसार बिहार में एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर फ़ॉर्मूला तैयार है. बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा. सीटों के बंटवारे को लेकर घटक दलों में सहमति बन चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव के हिसाब से ही सीटों का बँटवारा होगा. हालाँकि इसमें चिराग पासवान को एडजस्ट करना होगा. 

सूत्रों के अनुसार वे चालीस प्लस सीटें माँग रहे हैं. बीजेपी सूत्रों का मानना है कि पासवान के लिए ज्यादा सीटें माँगना राजनीतिक मजबूरी है, क्योंकि उन्हें अपने समर्थकों का हौंसला बना कर रखना है.

NDA के लिए जरूरी चिराग पासवान?
सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं और सीट बंटवारे में उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा. हालाँकि जेडीयू चिराग को बीस से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं है. ग़ौरतलब है कि नीतीश और पहले रामविलास पासवान और चिराग पासवान के बीच खट्टे-मीठे रिश्ते रहे हैं. पिछली बार चिराग पासवान की पार्टी ने 135 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था और केवल वे एक सीट ही जीत पाए थे.

इधर, बीजेपी और जेडीयू के बीच यह सहमति है कि दोनों ही दल सौ-सौ से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन जेडीयू बीजेपी से कुछ सीटें अधिक लड़ेंगी, ताकि बिहार में बड़े भाई का संदेश दे सके.

साल 2020 में बीजेपी और जेडीयू का प्रदर्शन-
पिछले चुनाव में बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटें जीती थीं. जबकि जेडीयू ने बीजेपी से पांच अधिक 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन वह केवल 43 सीटें ही जीत सकी थी. 

पिछली बार एनडीए में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी भी थी. जिसे 13 सीटें दी गईं थीं और उसने चार सीटों पर जीत हासिल की थी. पिछले विधानसभा चुनाव में मांझी की पार्टी ने एनडीए के घटक दल के तौर पर सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीती थी. इस बार जीतन राम मांझी अपनी हिंदुस्तान अवाम पार्टी के लिए 15 से 20 सीट चाहते हैं.

जबकि कुशवाहा का समझौता असदुद्दीन ओवैसी के साथ था और उनकी पार्टी ने 99 सीटों पर चुनाव लड़ा था और कोई सीट नहीं जीत सके थे. लेकिन इस बार उपेंद्र कुशवाह अपनी पार्टी के लिए 10 सीटे चाहते हैं.

एनडीए का कुनबा-
इस बार एनडीए में पांच पार्टियां हैं. बीजेपी और जेडीयू में क़रीब सौ-सौ सीटों के बंटवारे के बाद बची करीब चालीस सीटों में बाक़ी तीन पार्टियों को एडजस्ट किया जाना है. इस लिहाज़ से चिराग पासवान के खाते में 20-25 सीटें आने की बात कही जा रही है. सवाल यही है कि क्या वे इतनी कम सीटों पर तैयार होंगे, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उन्होंने पांच सीटें जीती हैं और इसके हिसाब से उनका दावा 30 सीटों पर बनता है.

(हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट)

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