Samastipur: भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के गांव जाएंगे पीएम मोदी, जननायक की झोपड़ी बनी आकर्षण का केंद्र

पीएम मोदी 24 अक्टूबर को भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करके चुनावी जनसभा का शंखनाद करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी जननायक के जीवन जीने के तरीके को देखेंगे. इसके लिए झोपड़ी का निर्माण किया गया है. जिसमें बताया गया है कि जननायक कैसे अपना जीवन बिताते थे. इसमें लोढ़ा, सिलवट, ढिबड़ी जैसी चीजें रखी गई हैं.

Karpoori Thakur's hut
जहांगीर आलम
  • समस्तीपुर,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

बिहार में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू कर सामाजिक न्याय का बिगुल फूंकने वाले झोपड़ी के लाल भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव से बिहार में हो रहे चुनावी सभा का शंखनाद पीएम नरेंद्र मोदी करने वाले हैं. पीएम नरेंद्र मोदी जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इस बीच जननायक कर्पूरी ठाकुर किस तरह अपना जीवन बिताते थे. उसको पीएम मोदी को दिखलाए जाने की तैयारी हो रही है. इसके लिए प्रतीक के रूप में कर्पूरी ठाकुर के गांव में झोपड़ी बनाया गया है. जिसमें यह दर्शया गया है कि उस वक्त जननायक कर्पूरी ठाकुर किस तरह सादगी भरा जीवन व्यतीत करते थे. बता दें कि भारत रत्न मिलने के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री  जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के लिए पहुंच रहे हैं. इस लिए गुदड़ी के लाल कहे जाने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवन को प्रतीक के रूप में बने झोपड़ी का अवलोकन कराया जाएगा.

जननायक कर्पूरी की झोपड़ी आकर्षण का केंद्र-
भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को लोग झोपड़ी के लाल से जानते हैं. आज की नई पीढ़ी जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवनी से अवगत नहीं है. वे कर्पूरी ग्राम स्थित जीकेपीडी कॉलेज परिसर में बने प्रतीक के रूप में झोपड़ी को देख कर समझ सकते हैं कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को झोपड़ी का लाल क्यों कहा जाता था? भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर किस तरह से सीएम रहते अपना जीवन बिताया था. उसको दिखाने के लिए झोपड़ी बनाया गया है. जिसमें यह दर्शाया गया है कि कर्पूरी ठाकुर किस तरह चारपाई पर सोते थे. लालटेन किस जगह पर रहता था. उनके घर में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनता था. उस झोपड़ी में आटा पीसने वाला जातां, इसके अलावे मसाला पीसने में इस्तेमाल होने वाला सिलवट लोढ़ा, लालटेन, ढिबड़ी को रखा गया है. 

जननायक के रहन-सहन को दर्शाने की कोशिश-
जननायक कर्पूरी ठाकुर के लिए किस तरह मिट्टी से बने लड़की के चूल्हे को रखा गया है. इसके साथ कर्पूरी ठाकुर कैसे लोगों की बैठकी लगाते थे, वो दर्शाया गया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो जननायक कर्पूरी ठाकुर के पूरे जीवन को दर्शाने की कोशिश की गई है. जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न मिलने के बाद जब परिवार के लोगों से मिले थे तो जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव आने की बात कही थी. उसी वादे को पूरा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम आ रहे हैं.

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