पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद बालीगंज विधानसभा सीट खाली हो गई है. इसलिए बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. इस उपचुनाव के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने सायरा शाह हलीम को उम्मीदवार बनाया है.
वाम दल ने बुधवार को यह घोषणा की. इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी लड़ रहे हैं. सायरा शाह के चुनाव में उतरने से यह चुनाव हाई प्रोफाइल हो गया है.
मशहूर अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की भतीजी हैं सायरा:
सायरा एक कवयित्री, सोशल एक्टिविस्ट और एजुकेटर हैं. वह सेना के पूर्व उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमीर उद्दीन शाह की बेटी हैं. और बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की भतीजी हैं. वह डॉ. फूआद हलीम की पत्नी हैं और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हासिम अब्दुल हलीम की बहू हैं.
बता दें कि फुआद के पिता और सायरा के ससुर, दिवंगत हाशिम अब्दुल हलीम, किसी भी राज्य विधानसभा में सबसे लंबे समय तक रहने वाले अध्यक्ष थे. वह संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ थे. बात अगर सायरा के काम की करें तो उन्होंने कई सालों तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया है.
अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए कर रही हैं काम:
वह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल रही हैं. पिछले काफी समय से वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम कर रही हैं. उनके पति डॉ. फूआद भी अपने नेक कामों के लिए जाने जाते हैं.
सायरा हमेशा से लोगों के लिए काम करती आई हैं. उन्होंने रक्तदान और डायलिसिस कैंप चलाने में अपने पति की मदद की. उन्हें गरीबों के लिए हेल्थ कैंप्स और कम खर्च में डायलिसिस क्लीनिक चलाने के लिए जाना जाता है. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने पति के लिए प्रचार किया था.
और अब खुद राजनीति में उतर रही हैं. उनका कहना है कि उनके पास केवल अच्छी इच्छा शक्ति है. बालीगंज क्षेत्र में लोगों ने उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में देखा है.
मिला है सम्मान:
सायरा को ढाका में सार्क देशों के साथ सांस्कृतिक, साहित्यिक और द्विपक्षीय योगदान के लिए सार्क महिला संघ ढाका द्वारा ‘सार्क महिला पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है. बता दें कि बालीगंज विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को चुनाव होने हैं और 16 अप्रैल को काउंटिंग की जाएगी.