Dilip Kumar Death Anniversary: बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग की कहानी, जिसने सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतकर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

दिलीप फिल्म इंडस्ट्री में ट्रेजडी किंग के नाम से जाने जाते हैं. 7 जुलाई 2021 को 98 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार थे.

दिलीप कुमार
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST
  • शोमैन राज कपूर से थी बचपन की दोस्ती
  • ट्रेजडी किंग कहलाने की वजह से हुआ था डिप्रेशन
  • मधुबाला थीं पहला प्यार

हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई बेहतरीन कलाकार आए और चले गए, पर एक कलाकार ऐसा भी आया जिसने फिल्म इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया. उनकी अदाकारी से एक्टिंग की नई परिभाषा का जन्म हुआ. उस शख्स ने ये साबित कर दिया कि सुपरस्टार भी किसी को कहा जा सकता है. ये दास्तां है दिलीप कुमार की. दिलीप कुमार वो कलाकार हैं, जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान है, उनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में हुआ, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. 

शोमैन राज कपूर से थी बचपन की दोस्ती
ये बात शायद बहुत कम लोगों को पता है लेकिन बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर और दिलीप साहब बचपन के दोस्त थे. दोनों ने एक ही स्कूल में पढ़ाई भी की थी. लेकिन 17 साल की उम्र में दिलीप साहब का उनके पिता से झगड़ा हो गया और वो पुणे आ गए. पुणे आने के बाद उन्होंने एक कैंटीन के बाहर सैंडविच स्टॉल लगाया और कमाना शुरू कर दिया. जब उन्होंने ये काम शुरू किया तो किसी को नहीं बताया कि वो अमीर घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिताजी का व्यापार केंद्र पेशावर हुआ करता था. 

बॉम्बे टॉकीज की मालकिन ने दिया था पहला ब्रेक
उस वक्त की मशहूर एक्ट्रेस और बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी की नजर दिलीप साहब पर पड़ी. उनकी इंग्लिश और उर्दू की समझ देखकर देविका रानी ने दिलीप कुमार को स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर रखा. देविका रानी के कहने पर उन्होंने पहली बार 1984 की फिल्म ज्वार भाटा में एक्टिंग की. साथ ही उन्होंने अपना नाम यूसुफ खान से बदलकर दिलीप कुमार रख लिया. नाम बदलने की सलाह उन्हें देविका रानी ने ही दी थी. 

हॉलीवुड की फिल्म भी हुई थी ऑफर
इसे शायद दिलीप साहब की गलती कहा जा सकता है पर एक वक्त ऐसा भी आया था, जब दिलीप कुमार को हॉलीवुड से ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने उस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था. फिल्म का नाम था 'लॉरेंस ऑफ अरेबिया'. इस फिल्म को 1963 में सबसे ज्यादा ऑस्कर अवार्ड मिले थे. जिस किरदार के लिए फिल्म के डायरेक्टर दिलीप कुमार को चुना था, वो रोल अदा करने वाले एक्टर को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेट किया गया था. 

फिल्मफेयर पाने वाले पहले एक्टर थे दिलीप कुमार
इंडिया में फिल्मफेयर की शुरुआत 1956 में हुई. दिलीप कुमार पहले एक्टर थे, जिन्हें सबसे पहली बार फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया गया. ये अवॉर्ड उन्हें 1952 की सुपरहिट फिल्म दाग के लिए दिया गया था. दिलीप कुमार ने 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था. ये रिकॉर्ड महानायक अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान से भी नहीं टूटा है. 

50 के दशक में दिलीप कुमार सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर थे. बताया जाता है कि वो उस वक्त वो करीब 1 लाख रुपए लेते थे. अगर आज के समय से इसकी तुलना की जाए तो 50 करोड़ लेने वाले रजनीकांत से तुलना की जा सकती है. 

ट्रेजडी किंग कहलाने की वजह से हुआ था डिप्रेशन
50 के दशक में उन्हें ट्रेजेडी किंग कहा जाने लगा. दिलीप कुमार के डिप्रेशन के पीछे भी यही वजह थी. दिलीप कुमार अशोक कुमार को अपना गुरु मानते थे. एक इंटरव्यू में दिलीप कुमार ने बताया था, कि अशोक कुमार ने उनसे कहा था, कि "तुम नेचुरल एक्टिंग किया करो". एक वक्त ऐसा आया जब ऑल इंडिया राजेश खन्ना की एंट्री बॉलीवुड में हुई तो दिलीप कुमार की फिल्में फ्लॉप होने लगीं. जिस कारण उन्होंने 5 साल तक कोई काम नहीं किया. 

पर उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. जब 1981 में उन्होंने दोबारा एंट्री ली तो एक बार फिर से अपना जादू पेश कर दिया. लेकिन इस बार दिलीप कुमार ने केवल कैरेक्टर निभाने शुरू किए. क्रांति, शक्ति, मशाल, धर्म अधिकारी, कानून अपना-अपना, सौदागर, किला ये वो फिल्में हैं, जिसमें दिलीप साहब ने कैरेक्टर रोल निभाया और आज भी जब ये फिल्में टीवी पर चलाई जाती हैं तो आज भी लोग उसी उत्साह के साथ देखते हैं. 

1960 की ऐतिहासिक फिल्म मुगल-ए-आजम दिलीप कुमार की आज तक की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म है. ये सुनकर आप शायद हैरान हो जाएं लेकिन दिलीप कुमार ने एक इंडियन एक्टर के रूप में सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. 1967 की फिल्म राम और श्याम ने डबल रोल कैरेक्टर का इतिहास बदल दिया. इस फिल्म में सबसे पहले दिलीप कुमार ने डबल रोल निभाया था.

मधुबाला थीं पहला प्यार
दिलीप साहब की पर्सनल लाइफ की बात की जाए तो उनका पहला प्यार मधुबाला थीं. इन दोनों की लव स्टोरी साल साल तक चली. लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब एक साथ एक सेट पर होने के बावजूद भी दोनों एक दूसरे से बात नहीं करते थे. मुगल-ए-आजम की शूटिंग के वक्त डायरेक्टर के आसिफ दोनों को बहुत समझाते थे. लेकिन दोनों ने एक साथ न रहने का फैसला ले लिया था. यहां तक की इस फिल्म का सबसे रोमांटिक सीन इसी हालात में शूट हुआ था. 

20 साल छोटी सायरा बानो से की शादी
मधुबाला से अलग होने के बाद दिलीप साहब की जिंदगी में सायरा बानो आईं, फिर 1966 में उन्होंने शादी कर ली. उस वक्त सायरा मात्र 22 साल की थीं, और दिलीप कुमार 44 साल के थे. कहा जाता है कि 1981 में उन्होंने दूसरी शादी कर ली, क्योंकि कुछ कारणों की वजह से सायरा मां नहीं बन सकती थीं. पर दूसरी शादी करने के बाद भी उन्हें बच्चे का सुख नसीब नहीं हुआ. फिर दो साल बाद वो वापस सायरा बानो के पास आ गए. उनकी इस गलती पर सायरा ने उन्हें माफ कर दिया. फिर जिंदगी के आखिर तक वो सायरा के साथ ही रहे.

फिल्म जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने 1991 में पद्मश्री से सम्मानित किया. 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी नवाजा गया. दिलीप कुमार वाकई फिल्म जगत का वो सितारा हैं, जो हमेशा चमकता रहेगा.  

 

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