भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर जब सात मई को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया तो इससे देशभर में खुशी, जोश और जुनून की लहर उठ गई. एक ओर जहां पूरा देश पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों के तबाह होने की खुशी मना रहा था, वहीं बॉलीवुड में इस ऑपरेशन को 'कॉपीराइट' करने की होड़ छिड़ गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स ने खुलासा किया है कि कई बड़े फिल्म निर्माताओं ने ऑपरेशन सिंदूर को कॉपीराइट करने का आवेदन दिया है.
30 से ज्यादा आवेदन पहुंचे
समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 30 से ज्यादा शीर्षकों के लिए आवेदन दर्ज किए जा चुके हैं और यह संख्या 50 से अधिक हो सकती है. भारतीय मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स संगठन (IMPPA), वेस्टर्न इंडियन फिल्म प्रोड्यूसर्स संगठन (WIFPA) और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स काउंसिल जैसे संगठनों को ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल सिंदूर, सिंदूर द रिवेंज, मिशन सिंदूर,सिंदूर का बदला जैसे नाम के लिए आवेदन मिले हैं.
किस-किस ने दिया आवेदन?
आईएमपीपीए के सचिव अनिल नागराथ के अनुसार, आवेदनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. एक फिल्म डायरेक्टर कई शीर्षकों के लिए भी आवेदन कर रहा है ताकि उसका कोई ना कोई विकल्प सुरक्षित रहे. उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सुपरहिट फिल्म बना चुके निर्देशक आदित्य धर, अभिनेता सुनील शेट्टी, फिल्मकार मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री और प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज समेत कई दिग्गजों ने भी "ऑपरेशन सिंदूर" पर फिल्म बनाने के लिए आवेदन दिया है.
सोशल मीडिया पर शुरू हो गया प्रोमोशन
हाल ही में सोशल मीडिया पर "ऑपरेशन सिंदूर" नाम से कई फिल्म पोस्टर वायरल हो रहे हैं. इनमें एक महिला सैनिक की नाटकीय छवि और युद्ध के दृश्य दिखाकर फिल्म का प्रचार किया जा रहा है. लोग यह मान रहे हैं कि फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है या यह प्रोजेक्ट ऑफीशियली लॉन्च हो गया है लेकिन सच्चाई इससे अलग है.
रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक "ऑपरेशन सिंदूर"के लिए फिल्म प्रमाण और नाम पंजीकरण को आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली है यानी यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती स्तर पर है और किसी भी प्रकार का आधिकारिक कन्फर्मेशन नहीं आया है. ऐसे में सोशल मीडिया पर जो पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं वे प्रोमोशन इंटेंट के हो सकते हैं लेकिन इन्हें फिल्म का आधिकारिक पोस्टर समझाना गलत होगा.
ऑपरेशन सिंदूर अब ना केवल सैन्य कार्रवाई का प्रतीक बन चुका है बल्कि भारतीय सिनेमा में देश भक्ति पर आधारित नए विमर्श को जन्म दे रहा है. पोस्टर्स और सोशल मीडिया प्रचार के जरिए यह विषय लोगों की भावनाओं से जुड़ चुका है. अब देखना यह होगा की फिल्म निर्माता इस विषय का उपयोग संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ करते हैं या नहीं.