शर्मिला टैगोर 60 और 70 के दशक की फेमस एक्ट्रेसेस में से एक हैं और उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है जिनमें वक्त, अमर प्रेम, अनुपमा, एन इवनिंग इन पेरिस जैसी कई शानदार फिल्में हैं. बॉलीवुड की कश्मीर की कली यानी शर्मिला टैगोर प्रतिष्ठित टैगोर परिवार से ताल्लुक रखती हैं. टैगोर परिवार को साहित्य, संस्कृति और प्रदर्शन कला में समृद्ध माना जाता है. शर्मिला ने 13 साल की उम्र से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. उनके परिवार में उनकी बड़ी बहन ओइंड्रिला को छोड़कर कोई भी फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं था. उनकी बहन ने 1957 में तपन सिन्हा की काबुलीवाला में युवा मिनी की भूमिका निभाई थी. बंगाली सिनेमा से लेकर हिंदी सिनेमा तक शर्मिला टैगोर ने खुद को एक सफल अभिनेत्री के तौर पर स्थापित किया. बॉलीवुड में हर कोई उनकी खूबसूरती का कायल था.
पहली ही फिल्म से हुईं पॉपुलर
शर्मिला टैगोर को अपने जमाने की सबसे ज्यादा ग्लैमरस अभिनेत्री माना जाता था. उनका जन्म 8 दिसंबर 1944 को कानपुर में हुआ था. शर्मिला ने अपने करियर की शुरुआत सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म 'अपुर संसार' से की थी, जिसके बाद उन्होंने फिल्म ‘कश्मीर की कली’से बॉलीवुड में डेब्यू किया और अपनी पहली ही फिल्म से खूब चर्चाएं बटोरीं. फिल्म में अपने दमदार अभिनय से शर्मिला ने हर किसी का दिल जीत लिया. इसी फिल्म की वजह से उन्हें 'कश्मीर की कली' के नाम से जाना जाने लगा. पहली ही फिल्म से मिली प्रसिद्धी ने शर्मिला के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. शर्मिला की नानी लतिका, रबींद्रनाथ टैगोर के भाई द्विजेंद्रनाथ टैगोर की पोती थीं. उनकी बंगाली फिल्म देवी रवीन्द्रनाथ टैगोर के लेखन से प्रेरित थी.
कॉमन दोस्त के जरिए हुई ती मुलाकात
मंसूर अली खान और शर्मिला टैगोर की मुलाकात एक कॉमन दोस्त के जरिए हुई थी. जब दोनों मिले थे तब शर्मिला टॉप की एक्ट्रेस थीं और मंसूर उस समय के बेहतरीन क्रिकेटर. क्रिकेट और बॉलीवुड का मेल तब उतना देखने को नहीं मिलता था. शर्मिला टैगोर मंसूर की बहुत बड़ी फैन थीं. नवाब पटौदी को पहली नजर में ही शर्मिला से प्यार हो गया था. उन्हें इस एक मुलाकात में महसूस हो गया था कि शर्मिला ही वह लड़की हैं, जो उनके लिए बनी है लेकिन फिर भी उन्होंने अभिनेत्री को प्रपोज करने में चार साल लगा दिए थे. शर्मिला ने शुरुआत में पटौदी की मोहब्बत को कुबूल नहीं किया था. एक इंटरव्यू के दौरान सोहा अली खान ने बताया था कि शर्मिला को मनाने के लिए पहले तो नवाब पटौदी ने सात रेफ्रिजरेटर भेजे थे. लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो करीब चार साल तक उन्होंने शर्मिला को गुलाब के फूल भेजे, तब जाकर बात बनी और वह शर्मिला के दिल में अपनी जगह बना पाए.
सास के डर से हटवाए पोस्टर
टैगोर परिवार में जन्मी शर्मिला टैगोर ने 14 साल की उम्र में 1959 में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की थी और कुछ ही समय में उन्होंने हिंदी व बंगाली सिनेमा में अपने लिए एक जगह बना ली थी. साल 1966 में शर्मिला ने एक मैगज़ीन शूट के लिए बिकिनी पहनी थी. शर्मिला का नाम उन अभिनेत्रियों में गिना जाता है जिसने उस जमाने में टू पीस बिकनी पहनकर कैमरे के सामने पोज किया. उन्होंने अपनी फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' में भी स्काई-ब्लू कलर का वन-पीस स्विमसूट और 'फिल्मफेयर' मैगज़ीन के कवर के लिए ब्लैक बिकिनी पहनी थी. उन्होंने फिल्म की रिलीज के आसपास की एक घटना को याद करते हुए कहा, "मुझे याद है कि सड़क पर (उनके घर के पास) फिल्म का एक पोस्टर लगा हुआ था और मेरी सास शहर आ रही थीं, इसलिए मैंने अपने ड्राइवर को रात में उस पोस्टर को हटा देने के लिए कहा था। मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि एयरपोर्ट से रास्ते में अन्य पोस्टर भी हो सकते हैं." टाइम्स ऑफ इंडिया' के एक इवेंट में उन्होंने अपनी फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' के बारे में बात करते हुए कहा, "जब मैंने 'एन इवनिंग इन पेरिस' की थी, तो मेरा बिकनी सीन लोगों के लिए चौंकाने वाला था. इंडस्ट्री समेत जनता काफी हैरान थी. मेरा मानना है कि उस समय संसद में प्रश्न पूछे जाते थे. हालांकि, आज के हिसाब से अगर हम देखें तो ये चीजें बहुत छोटी सी लगती हैं."
घर का किराया भरने के लिए की फिल्में
शर्मिला टैगोर के करियर में दाग, चुपके-चुपके, मौसम और बेशरम जैसी कुछ हिट फिल्में हैं. लेकिन किसी जमाने में उन्होंने भी गरीबी का मुंह देखा. एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने अपने शुरुआत दौर को याद किया. शर्मिला टैगोर ने बताया कि जब उन्होंने फिल्में करनी शुरू की थीं तो सिर्फ पैसा कमाने के लिए ऐसा किया था. शर्मिला ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में कुछ फिल्में सिर्फ इसलिए साइन कीं क्योंकि उन्हें पैसा चाहिए था घर का किराया भरने के लिए. शर्मिला टैगोर की अभिनय क्षमता का जादू सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं था. शर्मिला टैगोर ने लगभग 60 फिल्मों में काम किया था. उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली, मराठी और एक अंग्रेजी भाषा में भी फिल्में की हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कहा जा रहा है कि शर्मिला हमेशा खुद को 'एक्सीडेंटल एक्ट्रेस' बताती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वह पहले अभिनेत्री नहीं बल्कि एक डांसर बनना चाहती थीं.