The Lady of Heaven: इस्लामिक देशों में बैन होने वाली फिल्म 'द लेडी ऑफ हेवन' में ऐसा क्या है जिसे लेकर हो रहा विवाद

ब्रिटेन में कई जगह बवाल के बाद 'द लेडी ऑफ हेवन' की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई है. फिल्म को मिस्र, पाकिस्तान, मोरक्को में पहले ही बैन कर दिया गया है.

द लेडी ऑफ हेवन
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

3 जून को रिलीज हुई फिल्म 'द लेडी ऑफ हेवन' को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. इसे कई इस्लामिक देशों में बैन किया जा चुका है. वहीं कई जगह इस फिल्म को सिनेमाघरों से हटाए जाने की मांग की जा रही है. ब्रिटेन में कई जगह बवाल के बाद इसकी स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई थी. 'द लेडी ऑफ हेवन' फिल्म को मिस्र, पाकिस्तान, मोरक्को में पहले ही बैन कर दिया गया है, जबकि ईरान में मौलवियों ने इसे देखने वालों के खिलाफ फतवा जारी किया है. 

इस फिल्म को निर्देशित किया है Eli King ने. यासीर अल हबीब ने इस फिल्म को लिखा है. जो कि शिया मुसमलान हैं. 'द लेडी ऑफ हेवन' का बजट 15 मिलियन डॉलर है. 

कौन हैं हजरत फातिमा जेहरा
फातिमा इस्लाम के लिए एक सम्मानित शख्सियत रही हैं. सुन्नी और शिया दोनों उन्हें नारीत्व के लिए आदर्श मानते हैं. लेकिन उनकी मृत्यु को लेकर दोनों की राय अलग है. सुन्नी मुसलमानों का मानना ​​है कि फातिमा पैगंबर मोहम्मद की सबसे छोटी बेटी थीं, जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि फातिमा पैगंबर मोहम्मद की इकलौती औलाद थीं.फातिमा की शादी हज़रत अली से हुई थी. शिया फातिमा के पति अली को मोहम्मद साहब का उत्तराधिकारी मानते हैं. फातिमा की तुलना जीसस क्राइस्ट की मां से की गई है, उन्हें मुस्लिम महिलाओं के लिए एक आदर्श उदाहरण माना जाता है, जोकि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी करुणा, दया और धीरज की मिसाल हैं.

फिल्म को लेकर क्यों हो रहा विवाद
द लेडी ऑफ हेवन पैगंबर मोहम्मद की बेटी हजरत फातिमा जेहरा की कहानी कहती है. फिल्म में फातिमा को "आतंकवाद का पहला शिकार" बताया गया है, जिसमें अबू बक्र के अनुयायियों (सुन्नी) की तुलना आज इस्लामिक स्टेट समर्थकों से की गई है. लोगों का आरोप है कि फिल्म इतिहास को गलत तरीके से पेश करती है और इस्लाम के सबसे सम्मानित व्यक्तियों का अनादर करती है. इस फिल्म के बाद शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच जंग छिड़ती हुई नजर आ रही है. यह पहली फिल्म है जिसमें पैगंबर मोहम्मद के चेहरे को दिखाया गया है. फिल्म का सबसे बड़ा विवाद ही यही है. क्योंकि कुरान में पैगंबर की तस्वीर नहीं है. इसके अलावा पैगंबर मोहम्मद की पत्नी का चेहरा ग्राफिक्स के जरिए बदसूरत बनाया गया है. 

कौन सी फिल्में हो चुकी हैं बैन
पैगंबर मोहम्मद की जिंदगी पर बनी फिल्म मोहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड भी विवादों से घिरी फिल्म रही है. फिल्म में पैगंबर साहब के बचपन की कहानी दिखाई गई थी लेकिन पैगंबर मोहम्मद का किरदार निभाने वाले एक्टर का चेहरा नहीं दिखाया गया था. इसमें ए आर रहमान ने संगीत दिया था, इसलिए उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया गया था. मोहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड के अलावा फिजा, बीस्ट, द डर्टी पिक्चर , फायर समेत कई फिल्में इस्लामिक स्टेट में बैन हो चुकी हैं.

 

Read more!

RECOMMENDED