मधुर आवाज लोगों को दीवाना बनाने वालीं लता मंगेशकर की 28 सितंबर को बर्थ एनिवर्सरी है. इसी साल फरवरी के महीने में उनका निधन हो गया था. वे 92 साल की थीं. लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था. लता मंगेशकर का नाम पहले हेमा था. हालांकि जन्म के 5 साल बाद माता- पिता ने इनका नाम बदलकर लता रख दिया था. पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता मंगेशकर ने सिर्फ 5 साल की उम्र से ही आना सीखना शुरू कर दिया था. पिता के निधन के बाद लता मंगेशकर को अपनी पढ़ाई भी बीच में छोड़ने पड़ी. लता को छोटे मोटे रोल में अभिनय कर परिवार के लिए पैसा कमाना पड़ा. घर की जिम्मेदारियां निभाने की वजह से ही वह कभी शादी नहीं कर पाईं.
कभी पतली आवाज के लिए किया गया था रिजेक्ट
लताजी ने महज 11 साल की उम्र में ही गायन की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने अपना पहला गाना सन् 1942 में मराठी फिल्म किती हसल के लिए गाया था. आवाज और अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए. अपने गानों से लोगों को मंत्र मुग्ध करने वाली लता मंगेशकर को पतली आवाज के कारण नापसंद किया गया था.
मारने के लिए दिया गया था धीमा जहर
फिल्म ‘20 साल बाद’ के लिए गाना रिकॉर्ड करने से कुछ घंटे पहले लता मंगेशकर की तबीयत बिगड़ गई. उनके पेट में दर्द होने के साथ ही उल्टी हुई. डॉक्टर को बुलाया गया. करीब 10 दिन बाद सेहत में सुधार आने पर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें खाने में धीमा जहर दिया गया था, जिसकी वजह से उनकी ये हालत हुई थी. लता मंगेशकर ने खुद इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था, वह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था. इस दौरान में वह इतनी कमजोर हो गई थीं कि 3 महीने तक बिस्तर से उठ भी नहीं पाती थीं. लंबे इलाज के बाद वह ठीक हुईं और 'कहीं दीप जले कहीं दिल' गाना गाया जिसे हेमंत कुमार ने कंपोज किया था.
मोहम्मद रफी से चार साल चला झगड़ा
लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी की जोड़ी ने इंडस्ट्री को कई सुपरहिट गाने दिए हैं. लेकिन एक समय में गाने की रॉयल्टी को लेकर दोनों ने सालों तक एक दूसरे से बात नहीं की. लता मंगेशकर का यह विचार था की सिंगर्स को रॉयल्टी मिलनी चाहिए, तो वहीं मोहम्मद रफ़ी ने जोर देकर कहा था कि एक बार गीत के रिकॉर्ड हो जाने के बाद, सिंगर का कोई अधिकार उस पर नहीं रह जाता. और इसी झगड़े के बाद लता मंगेशकर ने कह दिया कि वे रफी के साथ नहीं गाएंगी.
कई बड़े सम्मान से नवाजी गईं लता मंगेशकर
स्वर कोकिला लता मंगेशकर सिंगिंग के साथ-साथ एक्टिंग में भी शानदार थीं. उन्होंने बोनी कपूर की एक फिल्म में एक्टिंग की थी. फिल्म 'महल' में गाए गाने 'आएगा आने वाला' से उन्हें एक अलग पहचान मिली. फिल्म 'बरसात' में उन्होंने तीन अलग-अलग अभिनेत्रियों के लिए नौ गाने गाए थे. इंडस्ट्री का शायद ही कोई ऐसा दिग्गज कलाकार हो जिसके साथ लता जी ने सुर से सुर ना मिलाया हो. लता को साल 2001 में भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान-भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उन्हें तीन अन्य लोकप्रिय पुरस्कारों के अलावा, तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी नवाजा गया है.