Sahitya AajTak 2025: इंस्टिंक्ट पर भरोसा करते हैं सिंगर जुस्थ, बताया क्यों बदला अपना नाम?

साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन फेमस सिंगर जुस्थ ने शिरकत की. उन्होंने बताया कि कैसे एक रात को उनको सपना आया और उन्होंने अपना नाम बदल लिया. उन्होंने बताया कि एक समय वो काफी ध्यान करते थे, मेडिटेशन करते थे.

Singer & Lyricist Justh (Photo Credits: Chandradeep Kumar)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

दिल्ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन 'स्टेज 1- हल्ला बोल चौपाल' पर युवाओं में काफी लोकप्रिय सिंगर जुस्थ ने शिरकत की. जुस्थ ने गानों में दर्द होने के सवाल पर कहा कि लाइफ में मैं दर्द भी एक्सपरियंस कर रहा हूं, खुशी भी महसूस कर रहा हूं, अगर दिल टूटता है तो दर्द आता है. उन्होंने कहा कि मेरा दिल टूटा है. फिर जुड़ है. दिल का काम है टूटना और जुड़ना.

एक समय बहुत ज्यादा ध्यान करता था- जुस्थ
जुस्थ ने 'हर शाम को मैं तनहाई से मिल के आता हूं... गाना गाया. चार्टर्ड अकाउंटेंट जुस्थ ने कहा कि मुझे किसी चीज को लेकर कोई हड़बड़ी नहीं हैं. मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहता हूं. जब मैंने सोचा कि मुझे म्यूजिक करना है तो मेरे लिए बहुत जरूरी था, लाइफ को एक्सपीरियंस करना, मैंने जीवन के हर पहलू का एक्सपीरियंस किया है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सॉन्ग राइटर जो जिंदगी जीता है, उसकी को एक्सप्रेस करता है. मैंने जो जिंदगी जिया है, उसको लोगों तक एक्सप्रेस कर रहा हूं.

जुस्थ ने बताया कि एक समय ऐसा था, जब वो बहुत ज्यादा ध्यान करते थे, मेडिटेशन करते थे. इमोशन, फिजिकल, हर लेवल पर अपने ऊपर काम कर रहा था.

बॉलीवुड में काम करने पर क्या बोले जुस्थ?
जुस्थ ने 'उनसे जाकर कह दो, मेरा नाम है जुस्थ..' गाना गाया. उन्होंने कहा कि जो भी मैं महसूस करता हूं, वही मैं लिखता हूं. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड से मुझे काफी ऑफर आए, लेकिन मैंने उसे इनकार कर दिया. जुस्थ ने कहा कि उस समय मुझे एक्साइटमेंट नहीं थी तो मैंने मना किया, हो सकता है आगे मैं बॉलीवुड में काम कर लूं. मैं अपने लिए कोई रुल नहीं बना रहा हूं. उन्होंने कहा कि मुझे बॉलीवुड में काफी लोग पसंद है. मैंने  बॉलीवुड में असिस्टेंट का काम किया है. जुस्थ ने कहा कि जो मेरी शुरुआत थी, वो पैसे और फेम के लिए नहीं थी. 

इंस्टिंक्ट पर भरोसा है- जुस्थ
उन्होंने कहा कि घरवाले जुस्थ ही बुलाते हैं, पहले जो बुलाते थे, वो अब भूल गए हैं. अब सिर्फ जुस्थ ही बुलाते हैं. नाम बदलने पर उन्होंने कहा कि ये एक इंटरनल जर्नी थी, उसका ये रिएक्शन था. न्यूमरोलॉजी के हिसाब से कई लोगों के नाम बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे न्यूमरोलॉजी के बारे में पता ही नहीं है. मेरी पूरी लाइफ को दिशा देने वाला इंस्टिंक्ट है. उन्होंने कहा कि आपका इंस्टिंक्ट आपको आगे ले जाता है.

क्यों रखा जुस्थ नाम?
जुस्थ एक रात को ढाई बजे उठे, उनके दिमाग में आया कि उनका नाम जुस्थ होना चाहिए. इसके बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया. जब इसके बारे में माता-पिता और लोगों को बताया तो क्या हुआ? इसपर उन्होंने कहा कि 7-8 साल पहले हुआ था. उस समय मुश्किल थी, लोगों ने बातें बोलीं, रिश्तेदार भी ठेस पहुंचाने वाली बातें बोलीं. लेकिन अंदर की पुकार से हम आगे बढ़े.

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