भारतीय सेना में एक कहावत प्रचलित है कि “अगर कोई व्यक्ति कहता है कि उसे मरने से डर नहीं लगता, तो या तो वह झूठ बोल रहा है…..या फिर वह गोरखा है”. गोरखा रेजिमेंट को अपनी निडरता और बहादुरी के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि उन्हें अपनी मौत से भी डर नहीं लगता है. अब गोरखाओं की बहादुरी पर बॉलीवुड की एक मूवी भी आने वाली है.
बॉलिवुड के ऐक्शन स्टार अक्षय कुमार ने अपनी नई फिल्म ‘गोरखा’ की घोषणा की है. इस फिल्म में अक्षय भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट के मेजर जनरल इयान कार्डोजो (Major General Ian Cardozo) की भूमिका निभाने वाले हैं. अक्षय ने कुछ समय पहले अपने ट्विटर हैंडल पर फिल्म के पोस्टर शेयर करते हुए इसकी जानकारी सबको दी थी. अब आप सोच रहे होंगे आखिर ये मेजर जनरल इयान कार्डोजो हैं कौन?
कौन हैं मेजर जनरल इयान कार्डोजो?
मेजर जनरल इयान एंथोनी जोसेफ कार्डोजो, एक सैन्य अधिकारी हैं जिन्होंने युद्ध के मैदान में अपना पैर काट दिया था. इयान कार्डोजो एक बटालियन और एक ब्रिगेड की कमान संभालने वाले भारतीय सेना के पहले युद्ध-विकलांग अधिकारी हैं. ये निडर अफसर गोरखा राइफल्स के मेजर जनरल थे. इनका जन्म 1937 में मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. अपनी कॉलेज की पढ़ाई के बाद, उन्होंने नेशनल डिफेन्स अकेडमी (NDA) में दाखिला लिया और ट्रेनिंग पूरी करने के तुरंत बाद सेना में शामिल हो गए. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन की वजह से गोरखा राइफल्स में जगह मिली.
1971 के भारत-पाक युद्ध की शुरुआत में, इयान कार्डोजो इस युद्ध का हिस्सा नहीं थे; हालांकि, जब पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ते हुए एक अधिकारी शहीद हो गए तो इयान को उनके स्थान पर युद्ध के लिए भेजा गया.
नहीं मिला इलाज करने वाला कोई डॉक्टर तो काट दिया अपना पैर
इस अवधि के दौरान, वह भारतीय सेना के पहले हेलीकॉप्टर मिशन का भी हिस्सा बने. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने संघर्ष किया. हर गुजरते दिन के साथ, युद्ध बढ़ता ही जा रहा था; सभी यूनिट सेना से बैकअप का इंतजार कर रही थीं. इसी बीच इयान की टुकड़ी को पास में फंसे कुछ बांग्लादेशी कैदियों को निकालने का काम मिला, उन्हें बीएसएफ के साथ मिलकर इस मिशन को अंजाम देना था. इस मिशन के दौरान, इयान ने स्वेच्छा से उन कैदियों की मदद की और जल्दी से उनकी ओर अपना रास्ता बनाना शुरू किया, लेकिन उन्हें कम ही पता था कि पाकिस्तानी सेना ने बारूदी सुरंगें बिछाई हैं, इसलिए कुछ कदमों के बाद ही एक जोरदार धमाका हुआ और वे गिर गए. उनके पूरे शरीर से खून बह रहा था.
हालांकि, उनका इलाज करने वाला कोई डॉक्टर नहीं था, जिससे सभी परेशान हो गए. उन्होंने देखा की उनका पैर अच्छी स्थिति में नहीं है, तो उन्होंने अपना खुद पैर काट दिया. कुछ समय बाद, भारत ये युद्ध जीत गया और सेना को वापस देश में ले जाने की व्यवस्था की गई. उनकी वीरता को आज भी याद किया जाता है.
बहादुरी के लिए मिल चुका है सेना मेडल
उनकी गोरखा रेजिमेंट द्वारा उन्हें लोकप्रिय रूप से ‘कारतूस साहब’ नाम दिया गया था. आपको बता दें, वह एक मैराथन धावक भी हैं, और नियमित रूप से अपने आर्टिफिशियल पैर के साथ मुंबई मैराथन में भाग लेते हैं. साथ ही, पाक युद्ध में उनकी बहादुरी के लिए ‘सेना मेडल’ से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें अति सेवा विशिष्ट सेवा मेडल भी दिया जा चुका है.
अक्षय ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
आपको बता दें, अक्षय कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से इस फिल्म की जानकारी दी थी. उन्होंने ट्विटर पर ‘गोरखा’ फिल्म के दो पोस्टर शेयर किए थे. अक्षय कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'कभी-कभी हमें ऐसी कहानियां पता चलती हैं जो प्रेरणा देती हैं और आप उन्हें बनाना चाहते हैं. लीजेंड्री वार हीरो मेजर जनरल इयान कार्डोजो के जीवन पर आधारित गोरखा ऐसी ही एक फिल्म है. एक आइकॉन का रोल निभाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं.'
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