गीतकार और शायर इरशाद कामिल ने आज तक के एक कार्यक्रम में श्वेता सिंह से बातचीत में अपनी रचनात्मक प्रक्रिया और मशहूर गानों के पीछे की कहानियों पर चर्चा की। उन्होंने 'रॉकस्टार' के गाने 'कुन फाया कुन' को लिखने के आध्यात्मिक अनुभव और इम्तियाज अली के साथ अपनी सफल साझेदारी के बारे में बताया। कामिल ने बताया कि कैसे 'लव आज कल' में 'आज दिन चढ़ेया' गाना फिल्म की एडिटिंग के बाद जोड़ा गया। उन्होंने आज के दौर में कला और कॉमर्स के बीच संतुलन बनाने की चुनौतियों का भी जिक्र किया। इरशाद कामिल ने कहा, 'खाली कागज जो होता है ना श्वेता जी वो एक कैनवास की तरह होता है कोई भी पैंटर होता है वो पहले ये सोचता है कि मैं कौन सा ब्रश उठाऊ और कौन सा रंग चुनु के ये पहली लाइन लग जाये' उन्होंने अपनी कई कविताएं और नज़्में भी सुनाईं, जिसमें उनकी शायरी का गहरा अंदाज़ दिखा।