इस विशेष बातचीत में पीयूष मिश्रा ने अपनी नई किताब के बारे में चर्चा की, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव, बचपन से लेकर आज तक के बदलाव और फिल्म इंडस्ट्री के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि यह किताब उनकी आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर सफर को विस्तार से लिखा है। पीयूष मिश्रा ने कहा, ‘एक बार किया गया कर्म बिना अपना फल दिए नष्ट नहीं होता।’ उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में कई गुरुओं से सीखा, लेकिन अपनी पहचान बनाए रखी। बातचीत में उन्होंने समाज, प्यार, स्वीकृति और आत्म-परिवर्तन पर भी अपने विचार रखे।