सरकारी दफ्तरों में पड़ी फाइलों के ढेर को कम करते हुए सरकार ने 25 लाख फाइलों का डिजिटलीकरण किया और पुरानी फाइलों को हटाया है. इससे करीब नौ लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थल को खाली किया जा सका है. नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के महानिदेशक वी श्रीनिवास ने यह जानकारी दी.
वी श्रीनिवास ने मंगलवार को एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ई-कार्यालयों से देश के कामकाज के संचालन के मॉडल में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, 'आज आप केंद्रीय सचिवालय में आएंगे तो देखेंगे कि 25 लाख से ज्यादा फाइलें डिजिटल हो चुकी हैं. सिर्फ 10 लाख फाइलें ही ऑफिस में रखी हैं.' उन्होंने कहा, 'पुरानी फाइलें हटने से हम करीब नौ लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थल को खाली करा पाए हैं. आज ऑफिसों की स्थिति काफी बेहतर है और वहां कामकाज के लिए काफी जगह उपलब्ध है.'
गैर जरूरी फाइलों को हटाने और रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण की कोशिश
वी श्रीनिवास प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में विशेष सचिव भी हैं. श्रीनिवास के अनुसार, 2014-21 के दौरान लोग भारत के शासन मॉडल के डिजिटल परिवर्तन को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि नौकरशाही एक साथ काम कर रही है. इससे पहले कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से वाद प्रक्रिया को देखने वाले केंद्रीय एजेंसी अनुभाग (सीएएस) में गैर जरूरी फाइलों को हटाने और रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण की कोशिश की जाएगी. सीएएस का दौरा करने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा था कि यहां विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के कई टन वजनी कानूनी दस्तावेज हैं. डिजिटल इंडिया के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के मुताबिक हम बेकार फाइलों को हटाएंगे और कागज रहित कार्य प्रणाली के लिए सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करेंगे.