70 Year Old Matric Pass: माता-पिता को खोने के बाद छठवीं में छोड़ा स्कूल, अब 70 की उम्र में पास की दसवीं क्लास... दिल छू लेगी कोदंडारामन की कहानी

70 Year Old Matric Pass: उस उम्र में जब लोग रिटायरमेंट लेकर अपने जीवन में आराम तलब करते हैं, तमिलनाडु के रहने वाले कोदंडारामन ने एक अधूरे सफर को पूरा कर वाहवाही लूटने का काम किया है.

कोदंडारामन को बचपन में छठवीं कक्षा में स्कूल छोड़ना पड़ा था.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST
  • बेटे के कहने पर पढ़ाई की ओर लौटे कोदंडारामन
  • दूसरी कोशिश में हुए मैट्रिक पास

जब कोई 70 साल का हो जाता है तो क्या करता है? कोई शायद रिटायर होने के बाद आराम करता है. कोई अपने पोते-पोतियों के साथ समय बिताता है. कुछ ऐसे भी होते हैं जीवन के आखिरी हिस्से का 100 प्रतिशत आनंद लेने की कोशिश करते हैं. लेकिन ऐसे कितने लोग होते हैं जो अधूरे छूट गए सफर को पूरा करते हैं? तमिलनाडु के 70 साल के कोदंडारामन ऐसे चुनिंदा लोगों में से एक हैं. उन्होंने हाल ही में 10वीं की परीक्षा पास कर साबित किया कि सपनों की उड़ान उम्र की मोहताज नहीं होती.

मां-बाप के निधन के बाद छोड़ी थी पढ़ाई
इस उम्र में जहां ज़्यादातर लोग रिटायर्ड जीवन जीते हैं, वहीं कोदंडारामन जैसे कुछ लोगों के लिए यह उम्र मुश्किलों को पार करके नए मानक स्थापित करने की होती है. कुड्डालोर के रहने वाले कोदंडारामन ने तमिलनाडु राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली है, जिसके नतीजे शुक्रवार को घोषित किए गए.

 

कोदंडरामन को पढ़ाई की ओर लौटने के लिए प्रेरित करने में उनके बेटे का हाथ है.

माता-पिता को खोने के बाद कोदंडारामन को मजबूरी में छठी कक्षा में स्कूल छोड़ना पड़ा था. उसके बाद वह भारतीय रेलवे में शामिल हो गए और 30 साल तक रेलवे में नौकरी की. जब कोदंडारामन रेलवे से रिटायर हुए तो जिन्दगी करवट ले चुकी थी. मुश्किल वक्त बीत गया था, आसान लौट आया था.

रिटायर होने के बाद कोदंडारामन के बेटे ने उन्हें बुनियादी शैक्षिक योग्यता हासिल करने के लिए प्रेरित किया. वह खुद भी लंबे वक्त से इसका सपना देख रहे थे. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कोदंडारामन कहते हैं, "मेरे बेटे ने मुझे किताबें पढ़ते देखकर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया. इसलिए मैंने आठवीं कक्षा की पढ़ाई की, फिर 10वीं भी." 

दूसरे प्रयास में पास की 10वीं
कोदंडारामन ने दूसरे प्रयास में 10वीं की परीक्षा पास की है. वह 2024 में भी 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन अंग्रेजी में पास नहीं हो सके थे. निराशा के बावजूद उन्होंने फिर से प्रयास किया और इस बार मजबूत इरादों के साथ सफलता हासिल की. कोदंडारामन ने यह साबित कर दिया है कि सपनों को उड़ान देने के लिए कभी भी देर नहीं होती. आप जब चाहें, तब नए सफर पर निकल सकते हैं. 

वह 70 की उम्र में 10वीं पास करने के अपने अनुभव पर कहते हैं, "केवल अंग्रेजी (की परीक्षा) बाकी थी. अब मैंने उसे भी लिख लिया है और 10वीं कक्षा पास कर ली है. चूंकि शिक्षा बहुत जरूरी है, इसलिए सभी युवाओं को अच्छी तरह से पढ़ाई करनी चाहिए. केवल पढ़ाई करके बेरोजगार रहना ही काम नहीं आएगा. सभी को पढ़ाई करनी चाहिए. अच्छी नौकरी लेनी चाहिए और अपने परिवार की देखभाल करनी चाहिए और साथ ही समाज में योगदान देना चाहिए." 
 

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