International Day of Peace 2021: जानिये क्या है अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस का इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की स्थापना 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी. इसका मकसद पूरी दुनिया में स्थानीय हिंसा को रोकना है.

सांकेतिक तस्वीर.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST
  • 21 सितंबर को मानाया जाता है विश्व शांति दिवस
  • दुनियाभर में अहिंसा और शांति विराम की होती है अपील

दुनिया आज अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मना रही है. इसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है. यह दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन 24 घंटे अहिंसा और संघर्ष विराम का पालन पूरी दुनिया में किया जाता है, जिससे शांति के आदर्श दुनिया में मजबूत हों. इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है.

यह दिन शांतिपूर्ण और स्थाई दुनिया के निर्माण के लिए वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने फरवरी 2021 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सदस्य देशों से स्थानीय संघर्षों को खत्म करने के लिए और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए सहमति जताई.

संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, वैश्विक युद्धविराम का सम्मान करना जारी रखना चाहिए, जिससे यह तय किया जा सके कि संघर्ष में फंसे लोगों को जीवन रक्षक वैक्सीन और ट्रीटमेंट दिया जा सके.

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2021 की क्या है थीम?

इस साल अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की थीम 'Recovering better for an equitable and sustainable world' है. इस थीम का मकसद है कि महामारी से जूझने के बाद कैसे पूरी दुनिया को बेहतर तरीके से एक बार फिर विकास की ओर बढ़ाया जाए. एक ऐसी दुनिया बने, जहां समानता, न्याय, समावेशी विकास और स्वास्थ बेहतर मिले, जो स्थाई हो.

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का क्या है इतिहास?


संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 1981 में, सितंबर के तीसरे मंगलवार को, महासभा के नियमित सत्रों के उद्घाटन के दिन, को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में स्थापित किया था. साल 2001 में, महासभा ने 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के तौर पर घोषित किया.

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का क्या है महत्व?

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस को अहिंसा और संघर्ष विराम की अवधि के रूप में मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह एक ग्रीन और सस्टेनेबल ग्लोबल इकॉनमी को भी बढ़ावा देता है जिससे रोजगार पैदा हो. इसके जरिए प्रदूषण उत्सर्जन को कम करने की भी कोशिशें की जाती हैं, वहीं जलवायु प्रभावों के प्रति लचीला रुख अपनाने की अपील भी की जाती है.

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