कर्नाटक में मस्जिद ने खोले गैर-मुस्लिम भाइयों के लिए अपने दरवाजे, कहा- सभी धर्मों के बीच बढ़ेगा सद्भाव

रविवार को हिंदू और ईसाई समुदायों के लगभग 300 लोगों ने मस्जिद का दौरा किया. समिति के सदस्यों के अनुसार, वह इस पहल से सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना और सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं. डॉक्टरों, इंजीनियरों, लेक्चरर और अन्य लोगों सहित समाज के सभी वर्गों के लोगों ने मस्जिद का दौरा किया और इस पहल की सराहना की.

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST
  • सबसे पहले यह पहल 25 किमी दूर बंतवाल तालुक के बोलंगडी में हवा जुमा मस्जिद में की गयी थी
  • समाज के सभी वर्गों के लोगों ने मस्जिद का दौरा किया और इस पहल की सराहना की
  • रविवार को हिंदू और ईसाई समुदायों के लगभग 300 लोगों ने मस्जिद का दौरा किया

दक्षिण कन्नड़ जिले में दो दशक पुरानी एक मस्जिद ने सभी धर्मों के लोगों के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. उन्होंने गैर-मुस्लिम लोगों को मस्जिद में जाने, धार्मिक प्रथाओं की एक झलक पाने और नमाज अदा करने वाले मुस्लिम भाइयों के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है.

मस्जिद समिति के अनुसार, सबसे पहले यह पहल 25 किमी दूर बंतवाल तालुक के बोलंगडी में हवा जुमा मस्जिद में की गयी थी, जिसका उद्देश्य धर्म के बारे में किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करना और क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना और सभी धर्मों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाना था.

300 लोगों ने किया मस्जिद का दौरा 
 
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को हिंदू और ईसाई समुदायों के लगभग 300 लोगों ने मस्जिद का दौरा किया. समिति के सदस्यों के मुताबिक, वह इस पहल से सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना और सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं.

बहुत लोगों को नहीं पता नमाज कैसे होती है: मस्जिद समिति 

समिति के एक सदस्य कहते हैं कि बहुत से लोग नहीं जानते कि मस्जिदों में नमाज कैसे होती है. कई लोगों में यह भ्रांति है कि समाज में कलह का कारण मुस्लिम और मस्जिदें हैं. इसलिए, समिति ने सभी धर्मों के लोगों को मस्जिदों के कामकाज को समझने और धार्मिक नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित करने के लिए ये कदम उठाया है. उन्होंने आगे कहा,  “हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. लोगों के इसी अच्छे रिस्पांस ने हमें नियमित रूप से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में सोचने में मदद की है.”

सभी लोगों ने की सराहना   

रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों, इंजीनियरों, लेक्चरर और अन्य लोगों सहित समाज के सभी वर्गों के लोगों ने मस्जिद का दौरा किया और इस पहल की सराहना की. उन्होंने कहा, “हम भविष्य में भी अपनी पहल के तहत अन्य धर्मों के लोगों के लिए मस्जिद को खुला रखेंगे. धार्मिक प्रवचनों में भाग लेने के लिए सबका स्वागत है, ये कन्नड़ में भी दिया जा सकता है.”

पूर्व विधायक ए रुक्मया पुजारी ने रविवार को मौके पर पहुचंकर कहा, "इस तरह की पहल सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखेगी और समाज में मौजूद अलग-अलह धर्मों के लोगों के बीच मजबूत मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने में करने में मदद करेगी.”

ये भी पढ़ें

 

Read more!

RECOMMENDED