मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब महिलाएं शॉपिंग मॉल, बाजार और कारखानों में रात में भी काम कर सकेंगी. हालांकि सरकार ने इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं. महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन एम्प्लॉयर एजेंसी को करना होगा. सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश के विकास को बढ़ावा मिलेगा और महिला कर्मचारियों की आर्थिक प्रगति होगी.
महिला कर्मचारियों के लिए क्या करना होगा?
मध्य प्रदेश में महिलाओं से रात में काम कराने के लिए कर्मचारियों को कुछ नियमों का पालन करना होगा. चलिए आपको बताते हैं कि उनको क्या-क्या करना होगा.
- महिला कर्मचारियों से लिखित सहमति के बाद ही रात की शिफ्ट में काम कराया जा सकता है.
- नियम के मुताबिक शॉप और शोरूम में महिलाओं की ड्यूटी रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक लगाई जा सकती है. जबकि कारखानों में यह समय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित किया गया है.
- रात की शिफ्त में एक साथ 10 या उससे ज्यादा महिलाएं काम करेंगी. इससे कम महिलाओं की शिफ्ट रात को नहीं लगाई जाएगी.
- महिला कर्मचारियों को घर से लाने और ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था करना कंपनी की जिम्मेदारी होगी.
- कोई भी महिला इस दौरान मातृत्व लाभ से वंचित नहीं की जा सकेगी.
- एम्प्लॉयर की जिम्मेदारी होगी कि काम करने की जगह पर ऐसा माहौल हो, ताकि महिलाओं को कोई असुविधा ना हो.
- जिन जगहों पर महिलाएं रात में काम करेंगी, वहां पर टॉयलेट, वॉशरूम, पेयजल, भोजन और विश्राम रूम होना जरूरी है.
- जिन जगहों से महिला कार्यस्थल में एंट्री करेगी और जहां से वापस लौटेगी, वहां महिला सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती जरूरी है. इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाने होंगे.
- कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना जरूरी है.
मध्य प्रदेश सरकार ने रात में महिलाओं को काम करने की सशर्त मंजूरी दी है. महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी नियोक्ता को करनी होगी. इससे कारोबारियों और उद्योगपतियों को अपने यूनिट्स का कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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