उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. अब इन कर्मचारियों के लिए ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ का गठन किया जाएगा. इस निगम के बनने से कर्मचारियों को न केवल सम्मानजनक मानदेय और बेहतर सेवा शर्तें मिलेंगी, बल्कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन और कई अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी. प्रदेश के 4 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी इस नई व्यवस्था का सीधा लाभ उठाएंगे.
पेंशन की व्यवस्था
hindi.moneycontrol.com की रिपोर्ट के अनुसार नई नीति के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलेगी. इसके लिए उनकी सेवा कम से कम 10 साल की होनी अनिवार्य है. पेंशन की राशि ₹1,000 से ₹7,500 प्रति माह के बीच होगी. साथ ही, कर्मचारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की जाएगी.
कॉन्ट्रैक्ट का स्वतः नवीनीकरण
कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने पर उसे ऑटोमेटिक रिन्यू कर दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों की नौकरी की असुरक्षा काफी हद तक खत्म हो जाएगी.
दुर्घटना में आर्थिक मदद
अगर कोई कर्मचारी कम से कम एक साल की सेवा पूरी करने के बाद किसी दुर्घटना में अपनी जान गंवा देता है, तो उसके परिवार को ₹2.5 लाख से ₹7 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह कदम कर्मचारियों के परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा.
मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं
नई व्यवस्था में कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को ईएसआईसी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और सूचीबद्ध निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा. इसमें सर्जरी और सुपर स्पेशियलिटी डायग्नोस्टिक सेवाएं भी शामिल होंगी.
सरकार की पुष्टि
सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव अमित घोष ने इस योजना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि निगम बनने के बाद मौजूदा कर्मचारियों का मानदेय बढ़ेगा और ईपीएफ के माध्यम से 10 साल की सेवा पूरी होने पर पेंशन दी जाएगी.