Vegan Diet से लेकर Marathon तक, जानिए 102 साल के माइक की फिटनेस और लंबी उम्र का राज

माइक सिर्फ एक्सरसाइज नहीं करते बल्कि वे एथलीट की तरह ट्रेनिंग करते हैं. वह सप्ताह में तीन बार 5 मील दौड़ते हैं.

The World's Fittest 102-Year Old (Photo: YouTube/@RichRoll)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

102 की उम्र में भी माइक फ्रीमोंट न केवल जीवित हैं बल्कि वे जिंदगी का भरपूर आनंद ले रहे हैं. उम्र से जुड़ी सीमाओं को नकारते हुए एक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं फ्लोरिडा के माइक, जिन्हें 102 साल की उम्र में दुनिया का सबसे फिट इंसान माना जाता है. एक प्रतिस्पर्धी एथलीट, कैंसर सर्वाइवर और पर्यावरण कार्यकर्ता के रूप में, माइक ने वह कर दिखाया है जो कई लोग आधी उम्र में भी नहीं कर पाते हैं. 

अब सवाल है कि आखिर उनकी असाधारण ऊर्जा और लंबी उम्र का राज़ क्या है? इसका उत्तर उनकी सरल और अनुशासित जीवनशैली में छिपा है. उनके रूटीन  एक सख्त शुद्ध शाकाहारी (वीगन) डाइट और नियमित फिजिकल एक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण हैं. 

कैंसर से जंग ने शुरू किया एक नया जीवन
माइक का यह असाधारण सफर परफेक्ट हेल्थ के साथ शुरू नहीं हुआ. दरअसल, 69 वर्ष की उम्र में उन्हें कैंसर का पता चला और डॉक्टरों ने उन्हें सिर्फ तीन महीने की ज़िंदगी दी थी, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय रिसर्च की और अपने जीवन को पूरी तरह से बदल दिया. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने खाने से की. 

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मैंने सोचा, मैं बिना लड़े हार नहीं मानूंगा." इसके बाद उन्होंने प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाई जिसमें फल, सब्जियां, दालें, और साबुत अनाज शामिल थे. सिर्फ ढाई साल में, डॉक्टरों को उनके शरीर में कोई मेटास्टेसिस (कैंसर का फैलाव) नहीं मिला. वे इस बदलाव को अपनी जान बचाने और उम्र बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण मानते हैं.

उनका खाना: 

  • नाश्ता: ओटमील, मेपल सिरप और ताज़े ब्लूबेरी
  • दोपहर का भोजन: दाल या बीन्स
  • रात का खाना: उबली हुई ब्रोकली

वे प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड शुगर और सभी एनिमल बेस्ड उत्पादों से पूरी तरह दूर रहते हैं. यह न्यूनतम लेकिन पौष्टिक आहार उन्हें ऊर्जावान और सक्रिय बनाए रखता है.

102 की उम्र में भी निरंतर व्यायाम
माइक सिर्फ एक्सरसाइज नहीं करते बल्कि वे एथलीट की तरह ट्रेनिंग करते हैं. कुछ समय पहले तक वे सप्ताह में तीन बार 10 मील दौड़ते थे. अब भी वे सप्ताह में तीन बार 5 मील दौड़ते हैं, और मौसम अनुकूल हो तो नियमित रूप से कैनोइंग भी करते हैं. इसके अलावा वे पुश-अप्स और पुल-अप्स जैसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग अभ्यास भी करते हैं. इस समर्पण का नतीजा है कि वे अपनी उम्र वर्ग में कई मैराथन और हाफ-मैराथन रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. 

भावनात्मक संघर्ष से उबरने का ज़रिया बना दौड़ना
माइक ने दौड़ने की शुरुआत 30 की उम्र में की थी जब उनकी पहली पत्नी की ब्रेन हेमरेज से मृत्यु हो गई थी. दुख और अकेलेपन से लड़ने के लिए उन्होंने दौड़ने को चुना. यह फैसला उनके जीवन में शारीरिक और मानसिक रूप से ताकत का आधार बन गया.

पर्यावरण के लिए काम
माइक की जिंदादिली सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज से नहीं आती, उनका जीवन उद्देश्य और जुड़ाव से भरा हुआ है. वे एक सक्रिय पर्यावरण कार्यकर्ता हैं और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लगातार काम करते हैं. उनकी सोशल लाइफ भी अच्छी है. वे दोस्तों के साथ दौड़ते हैं और "एल्डरली पैडलर्स एसोसिएशन (EPA)" नामक ग्रुप के साथ नियमित रूप से कैनोइंग करते हैं. अपने घर पर वे अपनी पत्नी और परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं.

यह केवल जेनेटिक्स की बात नहीं है
अक्सर लोग लंबी उम्र को जेनेटिक्स मानते हैं. लेकिन माइक के मामले में उनकी जीवनशैली इसकी सबसे बड़ी वजह रही है. उनके पिता की मृत्यु 69 की उम्र में लिवर कैंसर से हुई थी और मां का निधन 70 की उम्र में दिल के दौरे से. लेकिन माइक की लंबी उम्र का कारण है- पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, मजबूत सामाजिक रिश्ते और सकारात्मक सोच.

माइक फ्रीमोंट का जीवन इस बात का सबूत है कि बुढ़ापा कमजोरी का नाम नहीं है. उनकी कहानी सिर्फ प्रेरणादायक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक भी है. अगर आप 90 की उम्र के पार स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो माइक का संदेश साफ है- सजग होकर खाएं, नियमित रूप से चलें, उद्देश्य के साथ जिएं और दिल से प्यार करें. 102 की उम्र में भी वे थमे नहीं हैं और शायद, यही असली राज़ है. 

 

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