बढ़ते प्रदूषण से लोगों में गले की खराश और खांसी की दिक्कत बढ़ी, आज से ही अपना लें ये 5 देसी उपाय, तुरंत राहत मिलेगी

बाहर की हवा भले ही प्रदूषित हो, लेकिन आप अपने घर की हवा को साफ रख सकते हैं. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, दरवाजे-खिड़कियां दिन में कुछ समय खोलकर वेंटिलेशन बनाए रखें.

dry cough
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST
  • गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें
  • घर की हवा को शुद्ध रखें और हाइड्रेटेड रहें

दिल्ली में दिवाली और ठंड के मौसम के साथ ही प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. हवा में मौजूद धूल और जहरीले कण न सिर्फ आंखों और सांस पर असर डाल रहे हैं, बल्कि लोगों के गले और फेफड़ों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं. राजधानी के कई इलाकों में सुबह और शाम के समय धुंध की परतें दिखाई दे रही हैं.

ऐसे में लोग लगातार खांसी, गले में जलन, खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतों से परेशान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि ये लक्षण प्रदूषित हवा के कारण गले की म्यूकस लाइनिंग में जलन और इंफ्लेमेशन के चलते होते हैं. हालांकि, कुछ आसान और असरदार देसी नुस्खों से इस परेशानी से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है.

यहां जानिए 5 ऐसे देसी उपाय, जो दिल्ली की जहरीली हवा के असर से गले और खांसी को कम करने में मदद करेंगे.

1. गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें
गले की खराश और सूजन को कम करने का यह सबसे आसान और पुराना तरीका है. आधा चम्मच नमक को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में 2-3 बार गरारे करें. यह न सिर्फ गले में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करता है बल्कि बलगम को ढीला कर राहत देता है. ध्यान रखें कि पानी बहुत ज्यादा गर्म न हो, वरना गले को नुकसान पहुंच सकता है.

2. शहद और अदरक का मिश्रण
अदरक में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण गले की जलन को शांत करते हैं, जबकि शहद गले पर एक सेफ्टी लेयर बनाकर खांसी को कम करता है. एक चम्मच ताजा अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें. यह उपाय गले की खराश, सूजन और सूखी खांसी में बेहद कारगर है.

3. भाप लेना (स्टीम इनहेलेशन)
प्रदूषण से भरे वातावरण में सांस के जरिए बहुत सारे हानिकारक कण फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. भाप लेने से गले और सांस की नली में जमी गंदगी साफ होती है और सांस लेना आसान हो जाता है. पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी या पुदीने के तेल की डाल सकते हैं, जो गले की सूजन और कफ दोनों को कम करता है. दिन में कम से कम एक बार भाप लेना फायदेमंद रहेगा.

4. तुलसी और काली मिर्च की चाय
तुलसी में प्राकृतिक रूप से एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले के संक्रमण को रोकते हैं. काली मिर्च बलगम को पतला करने में मदद करती है. पांच से छह तुलसी के पत्ते और एक चुटकी काली मिर्च को एक कप पानी में उबालें, फिर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर गर्मागर्म पिएं. यह चाय गले को आराम देने के साथ-साथ शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाती है.

5. घर की हवा को शुद्ध रखें और हाइड्रेटेड रहें
बाहर की हवा भले ही प्रदूषित हो, लेकिन आप अपने घर की हवा को साफ रख सकते हैं. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, दरवाजे-खिड़कियां दिन में कुछ समय खोलकर वेंटिलेशन बनाए रखें. घर के अंदर गिलोय, तुलसी या मनी प्लांट जैसे पौधे रखें जो हवा को साफ करते हैं. साथ ही, दिनभर में खूब पानी पिएं. पर्याप्त हाइड्रेशन से गले की सूखापन दूर होता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकलते हैं.

ये सावधानियां भी रखें

  • सुबह या देर शाम के समय बाहर टहलने से बचें, इस वक्त हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है.

  • बाहर निकलते समय N95 मास्क का इस्तेमाल करें.

  • खांसी लंबे समय तक बनी रहे या बुखार आए तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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