Study on Brain Mitochondria: समय के साथ क्या आप भी हो रहे हैं भुलक्कड़, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला उपाय

समय के साथ आपका दिमाग कम काम करता है, और आपको खराब माइटोकॉन्ड्रिया अल्जाइमर, पार्किंसंस, हंटिंगटन और मोटर न्यूरॉन रोग जैसी तमाम बीमारियां घेर लेती हैं. लेकिन अब माइटोकॉन्ड्रिया को ट्रांसप्लांट करके ब्रेन को री-एनर्जाइज किया जा सकता है.

समय के साथ क्या आप भी हो रहे हैं भुलक्कड़
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

अगर आप एक कार के मालिक हैं, तो आपने देखा होगा कि आपकी गाड़ी का इंजन समय के साथ ही कम काम करने लगता है. आपकी गाड़ी ज्यादा तेल पीने लगती है. गाड़ी का ऐवरेज कम हो जाता है. एक वक्त तो ऐसा भी आ जाता है कि गाड़ी को अगर थोड़ी सी ऊंचाई पर भी चढ़ना हो, तो उसे धक्का देना पड़ता है. इंसानी दिमाग के साथ भी कुछ ऐसा ही है. एक समय तक काम करते-करते इंसानी दिमाग भी थक जाता है, और उसके बाद भूलने की बीमारी जैसी कई तरह की समस्याएं इंसान को घेर लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इसके लिए भी वैज्ञानिकों ने समाधान खोज निकाला है. चलिए आपको दिमाग के काम करने का मैकेनिज्म समझाते हैं.

दिमाग की हर एक कोशिका में माइटोकॉन्ड्रिया नाम के छोटे फॉर्मेशन पाए जाते हैं. माइटोकॉन्ड्रिया को सेल का पावर हाउस कहा जाता है. माइटोकॉन्ड्रिया वास्तव में हमारे विचारों और भावनाओं के इंजन हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी मानसिक गतिविधियों को शक्ति प्रदान करने के लिए ऊर्जा उत्पन्न करना कठिन हो जाता है. यानी की माइटोकॉन्ड्रिया के लिए सब कुछ रिस्टोर करना मुश्किल हो जाता है. आपकी दिमाग भी उस पुरानी खटारा गाड़ी की तरह हो जाता है, जो लगातार धुआं छोड़ती है. दिमाग में धीरे-धीरे जंक स्टोर होने लगता है.इसका मतलब यह है कि खराब माइटोकॉन्ड्रिया अल्जाइमर, पार्किंसंस, हंटिंगटन और मोटर न्यूरॉन रोग सहित कई सबसे विनाशकारी मस्तिष्क स्थितियों का कारण बन सकता है. लेकिन अब इन बीमारियों का इलाज मुमकिन है. उसके ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी को समझना जरूरी है.

क्या है ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी?
न्यूरोडीजेनेरेशन के इस "ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी" के अनुसार, हम अपने न्यूरॉन्स को उनके पावर हाउस यानी माइटोकॉन्ड्रिया की रिस्टोरेशन के माध्यम से रिचार्ज कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे की माइटोकॉन्ड्रिया का रिस्टोरेशन कैसे होगा. बता दें कि कुछ रिसर्चर्स का कहना है कि क्षतिग्रस्त की जगह हेल्दी माइटोकॉन्ड्रिया को ट्रांसप्लांट करके ब्रेन री-एनर्जाइज किया जा सकता है.

 

Read more!

RECOMMENDED