Conjunctivitis: मुंबई में लगातार बढ़ रहे हैं कंजक्टिवाइटिस केस, जानिए इसके लक्षण

बारिश के कारण बीमारियां लगातार बढ़ती हैं. इस बार भी एक तरफ डेंगू देश भर में फैल रहा है. मुंबई में कंजक्टिवाइटिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. तो चलिए आपको इससे जुड़े लक्षण और सावधानियां बताते हैं.

कंजक्टिवाइटिस
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST
  • लगातार बढ़ रहे हैं कंजक्टिवाइटिस के मामले
  • बारिश के कारण बढ़ रही है बीमारी

मानसून की शुरुआत और उसके बाद के समय में अक्सर बीमारियों के बढ़ने का खतरा होता है. भारत के कई राज्यों में डेंगू के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में आंखों का इंफेक्शन-कंजक्टिवाइटिस के कई मामले सामने आ रहे हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम के अनुसार, पिछले दो सप्ताह में कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण तीन गुना बढ़ गया है. शहर के कुछ प्रमुख अस्पतालों में हर दिन लगभग 15-20 मामले सामने आ रहे हैं जो औसत लोगों की संख्या से काफी अधिक है. इसको लेकर बीएमसी ने मुंबई वासियों को चेतावनी दी है.  

लगातार बढ़ रहे हैं कंजक्टिवाइटिस के मामले
बृहन्मुंबई नगर निगम के बयान में कहा गया है कि, पिछले दो हफ्तों में नगर निगम द्वारा संचालित मुरली देवड़ा आई अस्पताल में 250-300 कंजक्टिवाइटिस रोगियों का इलाज किया गया है. मुरली देवड़ा आई अस्पताल की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वर्षा रोकड़े ने कहा, "बारिश के मौसम में जब हवा में नमी बढ़ जाती है, तो वातावरण संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है."

क्या है कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण
कंजक्टिवाइटिस, जिसे पिंक आई भी कहा जाता है, एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है. इससे आंखों में सूजन हो जाती है. जो आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण या एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होती है. इस कुछ आम लक्षण हैं. जैसे- आंख के सफेद भाग में लाली, भीतरी पलकों में लाली, आँखों में दर्द, नम आँखें, ज्यादातर नींद से जागने के बाद पलकों के पास गाढ़ा पीला स्राव, खुजली या जलन आँखें.

कंजक्टिवाइटिस को लेकर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको कंजक्टिवाइटिस हो जाए तो सार्वजनिक रूप से सतह को छूने से बचें. बार-बार आंखों को छूने से बचें. अपने आस-पास साफ-सुथरा रखें और अपना हाथ धोते रहें. अपनी आँखों को बार-बार रगड़ने से बचें. अगर कोई असहज महसूस करता है तो डॉक्टरों से डायग्नोज लेना और उचित दवा लेना सबसे अच्छा है.

 

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