लंबे समय तक, रेड वाइन को सर्दियों में ठंड से बचने और हेल्दी ड्रिंक के रूप में देखा जाता है. यहां तक कि इसमें मौजूद पॉलीफेनोल कंटेंट को दिल से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने और उससे आराम पहुंचाने के रूप में भी देखा जाता है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है. जी हां, नई स्टडी में ऐसा कोई लिंक साबित नहीं हुआ है. बल्कि इसे दूसरे अल्कोहल जितना ही हानिकारक बताया गया है.
दूसरी अल्कोहल से अलग होती है रेड वाइन?
मॉडरेट रेड वाइन के सेवन और हृदय रोग के कम जोखिम के बीच शुरुआत से ही लिंक बताया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये रिलेशन रेड वाइन में पाए जाने वाले कुछ एंटीऑक्सिडेंट्स से जुड़ा हुआ है, उनमें से प्रमुख रेस्वेराट्रॉल है. हालांकि, रेस्वेराट्रोल के फायदे हैं या नहीं इसको लेकर दूसरी स्टडी आई है. इसके मुताबिक, यह अभी भी समझ में नहीं आया है कि क्या नॉर्मल अल्कोहल रेड वाइन से अलग होती है या रेड वाइन में पर्याप्त रेस्वेराट्रॉल उत्पन्न होता है भी या नहीं.
शराब है सेहत के लिए हानिकारक
इसके अलावा, कम मात्रा में भी शराब के सेवन से जुड़े संभावित खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इससे दूसरे ऑर्गन्स विशेषकर लीवर पर भी प्रभाव पड़ सकता है. स्टडी में भी कहा गया है कि रेड वाइन सहित शराब का सेवन, लीवर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिससे फैटी लीव रोग, सूजन और दूसरे गंभीर मामले जैसे सिरोसिस जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं.
रेड वाइन दिल को पहुंचाती है नुकसान
स्टडी में कहा गया है कि दिल के पास जो ब्लड वेसल्स होती हैं उनमें मौजूद रिसेप्टर्स को रेड वाइन प्रभावित करती है, जो ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करते हैं. तो, रेड वाइन भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है. इससे दिल की धड़कन भी बढ़ सकती है. अगर आपको अंडरलाइंग कार्डियोमायोपैथी है, जिसमें दिल मोटा हो जाता है, तो शराब की छोटी सी भी मात्रा आपको नुकसान पहुंचा सकती है. शराब कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाती है जो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है.