कर्नाटक के कोलार जिले की 38 वर्षीय महिला के खून में एक यूनीक और अब तक अज्ञात ब्लड ग्रुप एंटीजन पाया गया है, जिसे अब आधिकारिक रूप से CRIB नाम दिया गया है. इस महिला को हार्ट सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनके ब्लड को O Rh पॉज़िटिव (O+) टाइप किया गया, जो कि सबसे सामान्य ब्लड ग्रुप है.
लेकिन हैरानी की बात यह थी कि महिला का ब्लड किसी भी उपलब्ध O+ यूनिट से मेल नहीं खा रहा था, यानी किसी से भी अनुकूल नहीं था. इससे डॉक्टरों को संदेह हुआ कि मामला सामान्य नहीं है.
जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
महिला के खून की जांच Rotary Bangalore TTK Blood Centre के Advanced Immunohaematology Reference Laboratory में की गई. वहां के विशेषज्ञ डॉ. अंकित माथुर ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि महिला का खून हर टेस्ट पैनल के साथ इमकैम्पेटिबल (असंगत) था, यानी उसका खून किसी भी आम एंटीबॉडी से मेल नहीं खा रहा था. इसे पैनरिएक्टिविटी कहा जाता है.
परिवार के 20 सदस्यों का भी ब्लड मैच नहीं हुआ
महिला के लिए उपयुक्त ब्लड डोनर खोजने के लिए 20 परिवारजनों के ब्लड सैंपल लिए गए, लेकिन किसी का भी खून मेल नहीं खाया. इससे यह स्पष्ट हो गया कि महिला का ब्लड ग्रुप बेहद दुर्लभ है. परिस्थिति को देखते हुए डॉक्टरों और परिवार की सहमति से बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के ही सर्जरी करने का निर्णय लिया गया जो बहुत रिस्की था लेकिन डॉक्टर्स ने इसे मुमकिन बनाया.
दुनिया में पहली बार CRIB का पता चला
महिला और उसके परिवार के खून के सैंपल को इंग्लैंड के International Blood Group Reference Laboratory (IBGRL), ब्रिस्टल भेजा गया. वहां करीब 10 महीने की गहन जांच के बाद वैज्ञानिकों ने एक नया और अनोखा ब्लड ग्रुप एंटीजन खोजा. इस एंटीजन को Cromer (CR) ब्लड ग्रुप सिस्टम का हिस्सा माना गया और इसे नाम दिया गया CRIB- जहां 'CR' का मतलब Cromer और 'IB' का मतलब India, Bangalore है.
इस खोज की घोषणा जून 2025 में मिलान (इटली) में आयोजित International Society of Blood Transfusion (ISBT) की कॉन्फ्रेंस में की गई. यह महिला अब दुनिया की पहली इंसान हैं जिनमें CRIB एंटीजन पाया गया है.
CRIB क्यों है इतना खास?
हम आमतौर पर ABO और Rh ब्लड ग्रुप्स के बारे में सुनते हैं, लेकिन इनके अलावा भी इंसानी खून में 30 से ज़्यादा ब्लड ग्रुप सिस्टम होते हैं जैसे Kell, Duffy और Cromer. इन सभी में अलग-अलग प्रकार के एंटीजन होते हैं जो ब्लड ट्रांसफ्यूजन में असर डालते हैं.
इस महिला के खून में ऐसा एंटीजन पाया गया जो अब तक किसी इंसान में नहीं देखा गया था. यही इसे खास और मेडिकल साइंस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है.
यूरोप में भी आया दुर्लभ मामला सामने
CRIB की तरह ही हाल ही में फ्रांस में एक महिला में Gwada Negative नामक ब्लड ग्रुप की खोज हुई थी, जो कि EMM-negative सिस्टम के तहत आता है. उस महिला के खून में EMM एंटीजन पूरी तरह से गायब था, जो सामान्यतः लगभग सभी इंसानों में पाया जाता है. उस महिला का खून भी केवल उसी के खून से मेल खा सकता था, जिससे ब्लड ट्रांसफ्यूजन देना बेहद मुश्किल हो गया था.
ऐसे में, यह ज़रूरी है कि पूरी दुनिया मिलकर दुर्लभ ब्लड ग्रुप्स की पहचान और उनके लिए ब्लड डोनर रजिस्ट्री को मज़बूत करे. इस खोज ने दुनिया भर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को नई दिशा और उम्मीद दी है.
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