ऑस्ट्रेलिया में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां पर 20 साल की शर्लोट समर्स नामक एक महिला को अपनी डिलीवरी से मात्र 17 घंटे पहले पता चला कि वह प्रेग्नेंट हैं. जी हां, इस तरह की प्रेग्नेंसी बहुत दुर्लभ है जिसमें लगभग डिलीवरी के समय तक प्रेग्नेंसी का पता ही नहीं चलता है. इस दुर्लभ स्थिति को 'क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी' कहा जाता है.
क्या होती है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी?
जब किसी महिला को प्रेग्नेंसी के आम संकेत जैसे उल्टी होना, जी मचलाना, वजन बढ़ना, पेट का आकार, या नियमित पीरियड्स में बदलाव महसूस ही नहीं होता है तो इस तरह की प्रेग्नेंसी को क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी कहते हैं.
लगभग 475 महिलाओं में से एक को प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते तक नहीं पता चल पाता है कि वह प्रेग्नेंट है. वहीं 2500 में से एक महिला को लेबर का दर्द होने पर ही प्रेग्नेंसी का पता चलता है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे-
क्या था पूरा मामला?
मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शर्लोट समर्स हाल ही में, ग्लुटन सेंसटिविटी का टेस्ट कराने क्लीनिक गई थीं. लेकिन यहां पर डॉक्टर ने उनसे प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए भी कहा. वह हैरान हो गईं लेकिन उन्होंने टेस्ट करा लिया. टेस्ट पॉजिटिव आया तो उनके बॉयफ्रेंड के परिवार ने उनका अल्ट्रासाउंड कराया जिससे पता चला कि उनकी प्रेग्नेंसी 38 हफ्ते और चार दिन की है.
कैसा था शर्लोट का रिएक्शन?
शर्लोट ने कहा कि वह एकदम हैरान हो गईं. कुछ सोच ही नहीं पा रही थीं. उन्होंने अपने पार्टनर से बात करके उन्हें सब बताया. अल्ट्रासाउंड के बाद उन्हें पता चला कि उनकी प्लेसेंटा के साथ कुछ दिक्कत है और इसलिए उन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ा.
अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चलने के मात्र 17 घंटे और 21 मिनट बाद, शर्लोट ने एक बच्चे को जन्म दिया. शर्लोट का कहना है कि यह क्रेजी एक्सपीरियंस था क्योंकि उनकी दुनिया एकदम से बदल गई.
क्यों नहीं पता चला प्रेग्नेंसी के बारे में?
हालांकि, शर्लोट और उनके पार्टनर इस नई जर्नी के लिए तैयार हैं. वह अपने बच्चे के आने से बहुत खुश हैं.