दिल्ली-एनसीआर में हवा की स्थिति बेहद खराब हो गई है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया है, जो 'खतरनाक' श्रेणी में आता है. दिल्ली में GRAP-4 के नियम लागू कर दिए गए हैं. डॉक्टर भी लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं.
वायु प्रदूषण के इस बढ़ते संकट के बीच आम लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि खुद को और अपने परिवार को इस खतरनाक हवा से कैसे बचाया जाए. इस पूरे मामले पर हमने Yatharth Super Speciality Hospital, Faridabad के डायरेक्टर पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर, डॉ. विजय कुमार अग्रवाल से कुछ अहम सवाल पूछे.
एयर प्यूरीफायर कितना असरदार है?
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, एयर प्यूरीफायर खासकर घर के अंदर बेहद असरदार होता है, अगर उसमें True HEPA फिल्टर हो और वह कमरे के आकार के अनुसार हो. यह खासतौर पर धूल, स्मोक और PM2.5 जैसी हानिकारक कणों से हमें बचाया है. लेकिन बाहर या खुले खिड़की वाले कमरे में इसका असर कम हो जाता है.
एयर प्यूरीफायर के सस्ते विकल्प क्या हैं?
सस्ते और आसान विकल्प भी हैं. जैसे कि घर के अंदर धुएं के सोर्स को खत्म करना, फर्श को नियमित रूप से गीला पोछा गलाना, खिड़कियों के आस-पास दरारें बंद करना, खाना बनाते समय एक्सहॉस्ट हुड का इस्तेमाल. ये तरीके घर की हवा को अपेक्षाकृत साफ रखने में मददगार साबित होते हैं.
इसके अलावा, कुछ इंडोर प्लांट्स भी हवा को साफ करने में मददगार साबित होते हैं. जैसे कि स्नेक प्लांट, एलोवेरा, मनी प्लांट, पीस लिली और स्पाइडर प्लांट. ये पौधे कमरे की हवा से हानिकारक कणों और विषैले तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं. इस तरह, एयर प्यूरीफायर के बिना भी आप घर में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं.
मास्क पहनना कितना मददगार है और कौन सा मास्क सही है?
डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि मास्क पहनना PM2.5 जैसे हानिकारक कणों को सांस के जरिए अंदर जाने से रोकने में मदद करता है. इस मामले में N95, FFP2, या KF94 मास्क सबसे असरदार हैं. सर्जिकल मास्क मध्यम सुरक्षा देता है जबकि कपड़े का मास्क सबसे कम सुरक्षा प्रदान करता है. मास्क का सही फिट होना बेहद जरूरी है. नाक और गाल के पास अच्छी तरह फिट होना चाहिए.
डिलीवरीमैन, ट्रैफिक पुलिस और दिहाड़ी मजदूर बाहर काम करते समय कैसे खुद को सेफ रखें?
डॉक्टर का कहना है कि बाहर काम करने वाले लोगों को ठीक से फिट N95 या समान मास्क पहनना चाहिए और अगर मास्क गीला हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए. इसके अलावा, उन्हें पर्याप्त पानी पीना, आंखों को सीधे धूप से बचाना और काम के बाद नाक को नमक के पानी से धोना चाहिए.
अगर संभव हो तो भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों से दूर रहें, छोटे-छोटे ब्रेक लें और साफ वातावरण में समय बिताएं. लगातार लक्षण या परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें.
क्या करें और क्या न करें?
घर के अंदर धूल और धुएं के सोर्स कम करें.
बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकलने से मना करें.
अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो सही मास्क पहनें और लंबे समय तक प्रदूषण में न रहें.
हाइड्रेशन और पोषण पर ध्यान दें.
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, इस समय सावधानी ही सुरक्षा है. अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सही मास्क, साफ-सुथरा घर और हाइड्रेशन बेहद जरूरी हैं. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की यह स्थिति कई दिनों तक बनी रहने की संभावना है.