उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले में टोमैटो फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिला अस्पताल के चर्म रोग और निजी चर्म रोग विशेषज्ञों के पास प्रतिदिन मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इन मरीजों में टोमैटो फ्लू के लक्षण मिल रहे हैं. इसलिए ऐसे मरीजों को सलाह दी जा रही है कि वह एहतियात बरतें और कम से कम 8 से 10 दिनों तक आइसोलेट रहते हुए दवाओं का सेवन करें. वहीं विशेषज्ञों की सलाह है कि घबराएं नहीं, डॉक्टर के परामर्श पर दवा का सेवन कर इस बीमारी को मात दिया जा सकता है.
क्या है टोमैटो फ्लू?
गोरखपुर जिला अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ एनके वर्मा ने बताया कि टोमैटो फ्लू हैंड फूट माउथ डिजीज है, जो कॉकसेक ए वाइरस के नाम से होती है. इसके सिम्प्टम्स बहुत ही हल्के होते हैं. इसमें बुख़ार भी नहीं होता है. इससे हाथ पैर मुंह के अंदर छोटे-छोटे दाने होते हैं, जो एक सप्ताह के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं.
बीमारी के लक्षण
टोमैटो पॉक्स से संक्रमित इन मरीजों की उम्र छह से 10 वर्ष के बीच है. इनके शरीर पर दाने निकल रहे हैं. पानी भरे हुए दाने शरीर के अंगुलियों से लेकर तलवे और मुंह के आसपास और उसके अंदर तक निकल रहे हैं. मुंह के दाने को लोग छाला समझकर इलाज कर रहे हैं, जबकि छाले और इस दाने में काफी फर्क है. इसी लक्षण के आधार पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बताया कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इस बीमारी में बुखार के साथ खुजली हो सकता है, जिसकी दवा दी जा रही है. यह आठ से 10 दिनों के बीच ठीक हो जाएगा. बताया कि अगर किसी को लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करें. खुद से दवा का सेवन बिल्कुल न करें.
बचाव के उपाय
यह बीमारी कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रही है. इस स्थिति में इस तरह के मरीजों को स्कूल जाने से बचाना है, ताकि और बच्चों को बीमारी ना फैल पाए. घर में भी और बच्चों को संक्रमित बच्चे से दूर रखें. क्योंकि दूसरे बच्चे में ये स्किन तो स्किन ट्रान्स्फर हो सकती है. इसलिए संक्रमित बच्चे को आइसोलेट करना है, जिससे यह अन्य में ना फैले.
छोटे बच्चों का रखें विशेष ध्यान
डॉ एनके वर्मा ने अपील किया कि इस बीमारी से छोटे बच्चों को बचाने की जरूरत है. क्योंकि, यह संक्रामक बीमारी है. यह बीमारी छोटे बच्चों पर ज्यादा असर करती है. इसलिए अगर घर में किसी को दिक्कत है तो बच्चों से दूरी बनाएं रखें. इसके अलावा बड़े भी बीमारी से बचकर रहें. उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है.
टोमैटो फ्लू होने पर क्या किसी जांच की कोई ज़रूरत है?
डॉ एनके वर्मा ने बताया कि शरीर पर पानी भरे हुए दाने, अंगुलियों और तलवे पर दाने, मटर से छोटे दाने, बुखार, खुजली होने पर जांच की जरूरत नहीं है. ऐसे में अगर ये लक्षण दिखते हैं, तो जांच कराने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करें.
जिला अस्पताल में क्या इंतजाम है?
डॉ एनके वर्मा ने बताया कि अभी तक टोमैटो फ्लू जांच की कोई सुविधा जिला अस्पताल में नहीं है, लेकिन हां इसके होने पर जांच की ज़रूरत भी नहीं है, ना पैनिक होने की ज़रूरत है. अपने आप को आइसोलेट कर लें और चिकित्सक द्वारा दिए निर्देशों का पालन करें.
(इनपुट- रवि गुप्ता)