मलेरिया एक ऐसी मच्छर जनित बीमारी है, जिसका अगर इलाज न किया जाए, तो जान तक जा सकती है. बीमारियों के मामले में बच्चे ज्यादा खतरें की रेखा के नज़दीक होते हैं. ऐसे में मच्छर जनित बीमारियों के मामले में भी बच्चों की जान को ज्यादा खतरा रहता है.
ऐसे में बच्चों को मच्छर जनित बीमारी मलेरिया से बचाने के लिए स्विटजरलैंड मेडिकल प्रोडक्ट अथॉरिटी ने छोटे बच्चों के लिए मलेरिया की दवाई को हरी झंडी दिखा दी है. अफ्रीका में करीब 1.5 बिलियन लोग मच्छर से होने वाली बीमारी का शिकार बनते हैं. वहीं इसमें करीब 6 लाख ऐसे होते हैं जिसकी मलेरिका के चलते मौत हो जाती है. WHO के आकड़े के अनुसार 2023 में करीब तीन चौथाई मृत्यु बच्चों की हुई.
किनके लिए तैयार हुई दवा
मंगलवार को स्विसमेडिक्स ने 'नोवारटिस' नाम की दवा को हरी झंडी दिखा दी. यह दवा खास दौर पर उन बच्चों के लिए तैयार कि गई है जिनका वजन 2-5 किलोग्राम के बीच है. इस दवा से अफ्रीका के दूर दराज के इलाकों में मर्ज को दूर भगाया जा सकता है.
क्या कहना है दवा कंपनी का
दवा कंपनी का कहना है कि मलेरिया के इलाज के लिए पहले भी दवा मौजूद थी. लेकिन उसको छोटे बच्चों को देने में थोड़ा खतरा और रिस्क रहता था. लेकिन इस दवा के होने से वह खतरा दूर हो गया है. और अब सुरक्षित तरीके से छोटे बच्चों का मलेरिया का इलाज किया जा सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ का कहना हैं कि बड़ों के मुकाबले छोटे बच्चों में मलेरिया का खतरा कम होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसको गंभीरता से न लिया जाए. किसी भी आयु वर्ग के बच्चे के लिए इलाज बेहद ज़रूरी होता है. वहीं एक अन्य विशेषज्ञ का कहना है कि आपदा वाले देशों में बीमारियों के बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए यह दवा उन देशों के लिए काफी फायदेमंद है.