ब्रिटेन में छह से 11 साल के बच्चों को मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है, क्योंकि देश कोरोनोवायरस संक्रमण से लड़ने के लिए खुद को मजबूत कर रहा है. मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने कहा कि मॉडर्न के वैक्सीन, जिसे स्पाइकवैक्स के नाम से जाना जाता है, सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के आवश्यक मानकों को पूरा करने के बाद मंजूरी दी गई थी.
स्पाइकवैक्स को ब्रिटेन में 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, और छोटे बच्चों को शामिल करने का विस्तार 50 साल तक के वयस्कों के लिए फ्रांसीसी फर्म वालनेवा के इजी-टू-स्टोर कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने के कुछ घंटे बाद आया. एमएचआरए प्रमुख जून राइन ने एक बयान में कहा कि यह टीकाकरण ब्रिटेन की संयुक्त समिति पर निर्भर करेगा कि वह देश के टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मॉडर्ना का टीका युवा समूह को लगाया जाएगा या नहीं.
ब्रिटेन में बढ़ रहा कोरोना का कहर
इंग्लैंड में भी कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. हर 16 में से एक व्यक्ति यानी 6.3 प्रतिशत की दर से लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे में अब यहां फैसला लिया गया है कि 6 से 11 साल के बच्चों को मॉर्डना की वैक्सीन लगाई जाएगी, जिससे बच्चों को कोरोना के खिलाफ सुरक्षित किया जा सके. हालांकि, यहां कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां हटा दी गई हैं.
देश में कोरोना के हालात
भारत में भी कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने से चिंता और बढ़ गई है. इन सब के बीच दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए नई गाइ़डलाइन जारी की है. गाइडलाइन के मुताबिक अगर स्कूल में एक भी कोरोना मामला मिले तो स्कूल को बंद कर दिया जाए, या फिर उस विंग को बंद करने की तैयारी रहे.
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