सितंबर 2025 में भारत के ड्रग रेगुलेटर ने Ozempic (सेमाग्लुटाइड) को टाइप 2 डायबिटीज वाले एडल्ट्स के लिए मंजूरी दे दी. यह एक GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवा है, जो न केवल ब्लड शुगर नियंत्रित करती है बल्कि वजन कम करने, हृदय स्वास्थ्य सुधारने और कुछ मामलों में किडनी स्वास्थ्य में मदद करती है.
भारत में यह लॉन्च इस समय बेहद जरूरी है, क्योंकि देश में 100 मिलियन से ज्यादा लोग टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं और सैकड़ों मिलियन लोग अधिक वजन या मोटापे से प्रभावित हैं.
Ozempic क्या है?
Ozempic सेमाग्लुटाइड का ब्रांड नाम है. यह दवा GLP-1 हार्मोन की तरह काम करती है, जो शरीर में इंसुलिन उत्पादन बढ़ाती है, लीवर से ग्लूकोज कम करती है और भूख को नियंत्रित करती है. इसका इस्तेमाल सप्ताह में एक बार सुई के माध्यम से किया जाता है.
भारत में मंजूरी और उपयोग
- सितंबर 2025 से भारत में टाइप 2 डायबिटीज के लिए Ozempic को मंजूरी मिली है.
- अमेरिका और यूरोप की तरह भारत में फिलहाल वजन घटाने के लिए मंजूरी नहीं है.
- डॉक्टर जरूरत पड़ने पर वजन घटाने के फायदों को भी ध्यान में रख सकते हैं.
वजन घटाने में मदद
- Ozempic भूख कम करता है, भोजन को धीरे पचाता है और पेट भरा रहने का एहसास देता है.
- STEP प्रोग्राम (2021) के अनुसार लोग 5% से 15% वजन घटा सकते हैं.
- इसलिए इसे कई जगह “गेम-चेंजर ड्रग” कहा जाता है.
कौन ले सकता है Ozempic?
- टाइप 2 डायबिटीज वाले वयस्क, जिन्हें डाइट, एक्सरसाइज या ओरल दवाओं से शुगर कंट्रोल नहीं मिला.
- अधिक वजन या मोटापे वाले लोग.
- हृदय रोग का खतरा वाले लोग.
नोट: टाइप 1 डायबिटीज या कुछ प्रकार के थायरॉयड कैंसर या गंभीर पाचन रोग वाले लोग इसे न लें.
साइड इफेक्ट्स
- सामान्य: मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त (शुरुआत के हफ्तों में).
- गंभीर: पैंक्रियाटाइटिस, किडनी पर असर, दुर्लभ थायरॉयड ट्यूमर.
- डॉक्टर धीरे-धीरे डोज बढ़ाते हैं ताकि साइड इफेक्ट्स कम हों.
ब्लड शुगर पर असर
- कई लोग 2-4 हफ्तों में फास्टिंग और पोस्ट-मील ग्लूकोज में सुधार देख सकते हैं.
- HbA1c का पूरा असर 3-6 महीने में दिखाई देता है.
वजन घटाने की उम्मीद
- औसतन 5-10% वजन घटता है.
- कुछ हाई डोज़ (जैसे Wegovy) में 12-15% भी घट सकता है.
- सभी पर असर नहीं होता; 20-30% लोग वजन में “नॉन-रिस्पॉन्डर” होते हैं.
लाइफस्टाइल का महत्व
- Ozempic डाइट और एक्सरसाइज का विकल्प नहीं है.
- स्वस्थ जीवनशैली के साथ ही इसका असर ज्यादा होता है.
2026 में सेमाग्लुटाइड का पेटेंट खत्म होगा और भारतीय कंपनियां सस्ते जेनेरिक वर्जन लॉन्च करेंगी.
दिल और किडनी सुरक्षा
- SUSTAIN-6 ट्रायल: हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवास्कुलर मौत का जोखिम कम.
- किडनी पर भी सकारात्मक असर.
गलत इस्तेमाल और मिथक
- भारत में अमीर लोग इसे ग्रे मार्केट से वजन घटाने के लिए ले रहे हैं, जो खतरनाक है.
- सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में लेना चाहिए.
2026 के बाद जेनेरिक सेमाग्लुटाइड उपलब्ध होने से GLP-1 दवाओं की पहुंच बढ़ सकती है. यह भारत में डायबिटीज और मोटापे के इलाज में क्रांति ला सकता है.
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