Robotic Surgery: लोहिया संस्थान में रोबोटिक सर्जरी का कमाल! 3 माह में 100 जटिल ऑपरेशन पूरे, किडनी प्रत्यारोपण भी जल्द

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के यूरोलॉजी एवं किडनी प्रत्यारोपण विभाग ने मात्र तीन महीने में 100 रोबोटिक ऑपरेशन कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अब एक साल में 500 से अधिक रोबोटिक ऑपरेशन करने का लक्ष्य है. 

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समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST
  • एक साल में 500 से अधिक रोबोटिक ऑपरेशन करने का है लक्ष्य 
  • रोबोट के माध्यम से सर्जरी होने पर संक्रमण का खतरा न के बराबर

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के यूरोलॉजी एवं किडनी प्रत्यारोपण विभाग ने रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. विभाग ने मात्र तीन महीने में 100 सफल ऑपरेशन पूरे किए हैं, जिनमें प्रोस्टेट, गुर्दा और पेशाब की थैली के कैंसर सहित कई अन्य जटिल सर्जरी शामिल हैं.

एक साल में इतने रोबोटिक ऑपरेशन करने का लक्ष्य  
विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. ईश्वर राम धायल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशनों में अत्यधिक सटीकता आती है. विभाग का लक्ष्य है कि एक साल के भीतर 500 से अधिक रोबोटिक ऑपरेशन किए जाएं. इस संस्थान में जल्द ही रोबोट-assisted किडनी प्रत्यारोपण भी शुरू किया जाएगा.

रोबोटिक सर्जरी का शुल्क अन्य अस्पतालों से कम 
डॉ. धायल ने यह भी बताया कि लोहिया संस्थान में रोबोटिक सर्जरी का शुल्क अन्य निजी अस्पतालों की तुलना में एक-तिहाई है, जिससे यह आम जनता के लिए अधिक सुलभ हो गया है. इस उपलब्धि के साथ, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का यूरोलॉजी एवं किडनी प्रत्यारोपण विभाग राज्य के उन गिने-चुने संस्थानों में शामिल हो गया है, जो इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे हैं. इन सफल ऑपरेशनों को प्रो. डॉ. ईश्वर राम धायल, प्रो. डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. संजीत कुमार सिंह, डॉ. अंकुश, डॉ. शिवानी और डॉ. नंदन सहित विभाग की पूरी टीम ने मिलकर अंजाम दिया है.

क्या हो रोबोटिक सर्जरी 
आपको मालूम हो कि रोबोटिक सर्जरी में रोबोट सर्जरी नहीं करते हैं बल्कि अन्य सर्जरियों की तरह इसे भी डॉक्टर ही करते हैं, लेकिन इसमें रोबोट की सहायता लेते हैं. ऑपरेशन थियेटर में मरीज व अन्य स्टाफ के साथ रोबोट भी होता है. डॉक्टर रोबोट को नियंत्रित करने वाले उपकरण से नियंत्रित करते हैं. रोबोट में मरीज के भीतरी अंगों की थ्रीडी इमेज बनती है. इससे डॉक्टर को भीतरी अंग स्पष्ट दिखाई देते हैं. रोबोट निर्धारित लंबाई और गहराई का ही चीरा लगाते हैं. सटीक चीरा लगने से खून कम बहता है और घाव भी जल्दी भरता है. रोबोट के माध्यम से सर्जरी होने पर संक्रमण का खतरा न के बराबर रहता है.


 

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