साइलेंट हार्ट अटैक क्या है? किन लोगों को इसका खतरा ज्यादा, ऐसे रखें अपने दिल को हेल्दी

 हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 45% दिल के दौरे साइलेंट होते हैं. जिन लोगों को साइलेंट अटैक आते हैं वे या तो इसे अनदेखा कर देते हैं या उनमें थकान, हार्ट बर्न, गैस्ट्रिक जैसे अस्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं जोकि हार्ट अटैक से संबंधित होते ही नहीं हैं.

Heart Attack
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST
  • साइलेंट हार्ट अटैक का पता लगाना मुश्किल
  • डायबिटीज रोगियों में साइलेंट हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा

आज कल यंग और फिट लोगों में भी हार्ट अटैक देखने को मिल रहा है. पहले सिर्फ मोटे लोगों को ही इसका खतरा होता था. बुखार, सिर दर्द, उल्टी, चक्कर आना जैसे लक्षणों को हम कई बार सामान्य समझकर इग्नोर कर देते हैं. लेकिन हर बीमारी शरीर में किसी न किसी तरह का संकेत जरूर देती है. हालांकि कई बार लक्षण या तो दिखाई नहीं देते या इतने सामान्य होते हैं कि हम इसे गंभीरता से नहीं लेते. साइलेंट हार्ट अटैक भी इन्ही में से एक है.

क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक?

साइलेंट हार्ट अटैक या साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एसएमआई) में दिल के दौरे के कोई लक्षण नहीं होते हैं, या हल्के लक्षण होते हैं, या फिर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जो हार्ट अटैक से मेल नहीं खाते हैं.

सामान्य लक्षणों को नहीं समझते गंभीर

साइलेंट हार्ट अटैक का पता लगाना मुश्किल होता है, इसलिए इसमें जान जाने की ज्यादा संभावना होती है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 45% दिल के दौरे साइलेंट होते हैं. जिन लोगों को साइलेंट अटैक आते हैं वे या तो इसे अनदेखा कर देते हैं या उनमें थकान, हार्ट बर्न, गैस्ट्रिक जैसे अस्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं जोकि हार्ट अटैक से संबंधित होते ही नहीं हैं. लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे लक्षणों के बाद ही लोग हेल्थ चेकअप के लिए जाते हैं. तब तक नुकसान हो चुका होता है. साइलेंट हार्ट अटैक के बाद दूसरा दिल का दौरा पहले की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है.

किसे साइलेंट हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा?

heart.org के अनुसार, महिलाओं और डायबिटीज रोगियों में साइलेंट हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा होती है. इनमें पाचन की समस्या, छाती या पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में तनाव, अत्यधिक थकान जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. सामान्य तौर पर 45 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 55 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की संभावना दूसरों की तुलना में ज्यादा होती है.

इन लक्षणों को गंभीरता से लें

साइलेंट हार्ट अटैक अक्सर आम दिल के दौरे जैसा महसूस नहीं होता है. हाथ, गर्दन या जबड़े में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या चक्कर आना, ये सभी साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं. साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोग उन्हें दूसरी समस्याओं के साथ जोड़ने लगते हैं और डॉक्टर को दिखाने के बजाय खुद इलाज करने लगते हैं. गले और जबड़े में दर्द होना भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है. चक्कर आना भी साइलेंट हार्ट अटैक का इशारा है. पैरों और टखनों में सूजन भी हार्ट अटैक की ओर एक इशारा है.

साइलेंट हार्ट अटैक तब भी हो सकता है जब कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा मेहनत करें. अचानक शारीरिक रूप से सक्रिय हो जाना या ठंड में बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करना भी जोखिम कारक हो सकता है.

क्या किसी को साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है और उसे इसके बारे में पता न चले?

साइलेंट हार्ट अटैक का डायग्नोसिस करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि हो सकता है कि व्यक्ति डॉक्टर की मदद न ले क्योंकि उसे यह महसूस ही नहीं होगा कि ये हार्ट अटैक से संबंधित दिक्कत है. ऐसे दिल के दौरे अक्सर तब सामने आते हैं जब इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) या इमेजिंग स्कैन जैसे मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं.

साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे बचें?

अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके साइलेंट हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. हार्ट हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं क्योंकि यह साइलेंट हार्ट अटैक को रोकने के लिए जरूरी है. इसमें संतुलित आहार खाना, नियमित शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान से परहेज शामिल है क्योंकि ये दिल की बीमारी के महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं. अगर आप शराब का सेवन करते हैं, तो कम मात्रा में करें. ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम हो तो नियमित जांच कराएं.

 ये भी पढ़ें

 ये भी पढ़ें

Read more!

RECOMMENDED