माइल्ड फीवर हो तो न लें दवाई, हल्का बुखार खुद दूर कर सकता है शरीर का संक्रमण, अध्ययन में हुआ खुलासा

अध्ययन से पता चलता है कि लोगों को हल्के तापमान में ओवर-द-काउंटर बुखार की दवाएं नहीं लेनी चाहिए. हो सकता है दवा लेने से आपको जल्दी राहत मिल जाए लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी बहुत हो सकते हैं.

Mild fever
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST
  • माइल्ड फीवर में न लें दवाई
  • हल्का बुखार दूर कर सकता है शरीर का संक्रमण

अगर बुखार फील होते ही आप दवाई लेना शुरू कर देते हैं तो ऐसा करना बंद कर दीजिए. हाल ही में हुए एक शोध में बताया गया है कि माइल्ड फीवर को शरीर खुद ही ठीक कर लेता है. एक नए अध्ययन से पता चला है कि हल्के बुखार को खुद से ठीक होने देना बेहतर हो सकता है बजाय दवा लेने के. माइल्ड फीवर संक्रमण को तेजी से दूर करने में मदद कर सकता है.

हल्का बुखार दूर कर सकता है शरीर का संक्रमण

इम्यूनोलॉजी एंड इंफ्लेमेशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि हल्के बुखार ने मछली को अपने शरीर से संक्रमण को तेजी से दूर करने, सूजन को कम करने और टिशूज डैमेज को ठीक करने में मदद की. कनाडा में अल्बर्टा विश्वविद्यालय के अध्ययन के प्रमुख लेखक इम्यूनोलॉजिस्ट डैनियल बर्रेडा ने कहा, "हमें प्रकृति को वह करने देना चाहिए जो प्रकृति करती है. इस मामले में यह बहुत सकारात्मक चीज है."

मनुष्यों को भी मिलेंगे लाभ

बैरेडा ने बताया कि कैसे माइल्ड फीवर खुद ब खुद शरीर ठीक कर लेता है, इसके लिए किसी दवा की जरूरत नहीं होती. शोधकर्ताओं ने कहा कि मनुष्यों में प्राकृतिक बुखार के स्वास्थ्य लाभों पर निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन चूंकि बुखार की मिकेनिजम जानवरों और इंसानों में एक जैसा होता है इसलिए उम्मीद की जा रही है कि मनुष्यों को भी इसी तरह के लाभ मिलेंगे.

माइल्ड फीवर में न लें दवाई

अध्ययन से पता चलता है कि लोगों को हल्के तापमान में ओवर-द-काउंटर बुखार की दवाएं नहीं लेनी चाहिए. हो सकता है दवा लेने से आपको जल्दी राहत मिल जाए लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी बहुत हो सकते हैं. ये रिसर्च उन मिकेनिजम पर प्रकाश डालने में मदद करता है जो माइल्ड फीवर के लाभों के बारे में बताते हैं. अध्ययन के लिए मछलियों को एक जीवाणु संक्रमण दिया गया था और फिर उनके व्यवहार को एआई का इस्तेमाल करके ट्रैक किया गया था. बुखार वाले मनुष्यों में देखे गए लक्षण के समान थे. फिर इनका जानवरों के अंदर मौजदू ृप्रतिरक्षा तंत्र से मिलान किया गया.

सात दिनों के भीतर संक्रमण ठीक कर लेता है शरीर

शोध से पता चला है कि प्राकृतिक बुखार न केवल संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा को सक्रिय करता है, बल्कि इसे नियंत्रित करने में भी मदद करता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि बुखार ने लगभग सात दिनों में मछली को संक्रमण से राहत दिलाने में मदद की. ठीक होने और बुखार कम करने के लिए आपको आराम करने की जरूरत होती है.

पैर पसार रहा इन्फ्लुएंजा वायरस

देश में पिछले कुछ समय से इन्फ्लुएंजा वायरस पैर पसार रहा है. देश में इस वायरस की वजह से सबसे पहली मौत कर्नाटक में हुई थी. यह सांस से जुड़ा वायरल संक्रमण है. इसमें तीन से पांच दिन या उससे भी अधिक दिनों तक सर्दी, जुकाम, बुखार रहता है. इसमें होने वाली खांसी 7 से 15 दिनों तक रह सकती है. ऐसे में जरूरी है कि भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. समय-समय पर हाथ धोते रहें.

 

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