भारत में सिर दर्द की समस्या आम है. अगर किसी को महीने में एक-दो बार होता है तो ये सामान्य है. लेकिन जब सिरदर्द की समस्या बार-बार होने लगे. महीने में 15 दिन से ज्यादा तक सिरदर्द की समस्या हो तो उसे क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है. अगर उस शख्स के लगातार 3 महीने तक ऐसी समस्या आती है तो उसे फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
क्रोनिक माइग्रेन के लक्षण-
जब सिरदर्द की समस्या सामान्य से ज्याद हो तो इसकी जांच कराना चाहिए. हो सकता है कि आपको क्रोनिक माइग्रेन हो. जरूरी नहीं है कि आप क्रोनिक माइग्रेन से पीड़ित हों. क्योंकि इसके लक्षण माइग्रेन से अलग नहीं होते हैं. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है और अगर सिरदर्द ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें. चलिए आपको बताते हैं कि क्रोनिक माइग्रेन के क्या लक्षण हैं.
क्रोनिक माइग्रेन के क्या कारण हैं-
क्रोनिक माइग्रेन कई कारणों से हो सकता है. अगर कोई इंसान एपिसोडिक माइग्रेन का शिकार है. उसके सिर में लगातार दर्द रहता है और वो उसका इलाज ठीक से नहीं कराता है तो उसे क्रोनिक माइग्रेन होने का खतरा हो सकता है. सिरदर्द की दवा ज्यादा मात्रा में लगातार लेने से समस्या बढ़ सकती है. जब लोग हफ्ते में दो या तीन बार से अधिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो वो क्रोनिक पैटर्न विकसित कर सकते हैं.
किसको होता है क्रोनिक माइग्रेन-
क्रोनिक माइग्रेन बहुत ही खतरनाक बीमारी है. लेकिन ये सबको नहीं होती है. चलिए आपको बताते हैं कि इस बीमारी से किसके पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है.
क्रोनिक माइग्रेन का इलाज-
क्रोनिक माइग्रेन से इंसान कमजोर हो जाता है. इतना ही नहीं, इससे कामकाज भी प्रभावित होता है. इससे सिरदर्द असहनीय हो जाता है. जीवन शैली में बदलाव करने से इस बीमारी से निजात में मदद मिल सकती है.
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