Azoospermia की वजह से पुरुष नहीं बन पाते पिता, दिखें ये 4 लक्षण तो न करें इग्नोर

लो स्पर्म काउंट पुरुषों में प्रजनन क्षमता से संबंधित एक आम समस्या है लेकिन जब यह पूरी तरह से अनुपस्थित होते हैं तो इसे एजुस्पर्मिया कहा जाता है.

Azoospermia
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST
  • एजुस्पर्मिया के लक्षण क्या है?
  • लो स्पर्म काउंट पुरुषों में प्रजनन क्षमता से संबंधित एक आम समस्या है.

इनफर्टिलिटी से निपटना बेहद मुश्किल और डराने वाला हो सकता है. पिछले कुछ सालों में पुरुषों और महिलाओं दोनों में इनफर्टिलिटी  की समस्या तेजी से बढ़ी है. लो स्पर्म काउंट पुरुषों में प्रजनन क्षमता से संबंधित एक आम समस्या है. अगर किसी पुरुष के सीमन में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम स्पर्म हैं तो स्पर्म की संख्या सामान्य से कम मानी जाती है. जब स्पर्म काउंट कम होता है तो एग के फर्टिलाइज होने की संभावना कम हो जाती है.

लेकिन जब यह पूरी तरह से अनुपस्थित होते हैं तो इसे एजुस्पर्मिया कहा जाता है. इस स्थिति में पुरुष के सीमन में शुक्राणु नहीं दिखाई देते हैं. आसान भाषा में कहें तो एजोस्पर्मिया को आमतौर पर "नो स्पर्म काउंट" कहा जाता है.

Azoospermia में Ejaculate तो हो सकता है लेकिन सीमन में शुक्राणु नहीं होते हैं. गर्भ धारण करने में असमर्थता के अलावा एजुस्पर्मिया के कोई खास लक्षण नहीं होते हैं. हालांकि ये समस्या इन लक्षणों से जुड़ी हुई जरूर हो सकती है:

  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन 

  • कम सेक्स ड्राइव 

  • चेहरे और शरीर के बाकी हिस्सों पर कम बाल

  • Testicles के आसपास सूजन या बेचैनी

हाइपोगोनाडिज्म एजोस्पर्मिया

यह तब होता है जब Testicles ठीक से काम करता है लेकिन शरीर शुक्राणु बनाने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को प्रोड्यूस करने में सक्षम नहीं होता है. 

नॉन ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया

इस स्थिति में Testicles के काम या संरचना में असामान्यताएं होती हैं. चोट लगने, कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, रेडिएशन, ट्यूमर या क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम इसके संभावित कारण हो सकते हैं. 

ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया

ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया में Testicles ठीक से काम करते हैं लेकिन किसी प्रकार की रुकावट शुक्राणु को बाहर निकलने से रोकती है.

क्या आप एजुस्पर्मिया को रोक सकते हैं?

आप एजुस्पर्मिया को रोक नहीं सकते हैं. क्योंकि इसके पीछे आनुवंशिक कारण हो सकते हैं. अत्यधिक धूम्रपान, खैनी, सिगरेट, शराब, गुटका आदि का सेवन करने वालों में भी इस तरह की कमी आमतौर पर देखने को मिलती है. यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.

एक स्वस्थ जीवन शैली और शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखें.

प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों से दूर रहें.

दवाएं, हार्मोन, बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें.

अगर टेस्टिस में किसी तरह का ट्यूमर, सिस्ट या किसी तरह की रचनागत खराबी है, तो ऑपरेशन द्वारा इसे ठीक किया जाता है.

 

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