World No Tobacco Day 2023: तंबाकू खाने वाले सावधान! इन जानलेवा बीमारियों की गिरफ्त में आ सकते हैं आप, जानें कैसे इसके सेवन से बचें

Tobacco Side Effects: वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने के मकसद तंबाकू खाने से होने वाले हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में जागरूकता फैलाना है. धूम्रपान करने से कई तरह के कैंसर होने का खतरा रहता है. आइए जानते हैं इसके सेवन से कौन-कौन सी बीमारियों के होने का खतरा रहता है.

धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक (फोटो ट्विटर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST
  •   हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है
  • तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के प्रति किया जाता है जागरूक 

तंबाकू खाने से शरीर को कई तरह के गंभीर नुकसान होते हैं. इसको जानते हुए भी कई लोग तंबाकू के लत को छोड़ नहीं पाते हैं. ऐसे में सेहत पर पड़ने वाले इसके खराब प्रभावों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और दुनिया भर में तंबाकू के इस्तेमाल को बंद करने के लिए हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे (विश्व तंबाकू निषेध दिवस) मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं. 

वर्ल्ड नो टोबैको डे का इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सबसे पहले 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाया. 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने संकल्प पारित किया, जिसमें 7 अप्रैल को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया. इसके बाद 1988 में दोबारा संकल्प पारित कर 31 मई को हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय किया गया. तब से आज तक इस दिन दुनिया भर में तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

इस साल क्या है थीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 की थीम है 'हमें खाने की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं'. इस थीम के जरिए डब्ल्यूएचओ किसानों को तंबाकू उगाने के बजाय ज्यादा से ज्यादा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. यह अभियान सरकार से तंबाकू उगाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील भी करता है. इस दिवस के मनाने के पहले साल की थीम थी 'तंबाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य चुनें'.

इस रूप में तंबाकू का करते हैं उपयोग
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तंबाकू का उपयोग करते हैं.  देश की 28.6 फीसदी आबादी यानी हर 5 में 1 व्यक्ति धुएं रहित तंबाकू का सेवन करता है, वहीं हर 10 में से 1 व्यक्ति धूम्रपान करता है. अपने देश में टोबैको के इस्तेमाल का सबसे आम रूप गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा है. इसके अलावा स्मोकिंग के रूप में भी तंबाकू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि शामिल हैं.

पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर पड़ता है असर
धूम्रपान का असर पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर पड़ता है. इसमें दिल, खून, रक्त वाहिकाएं शामिल हैं. धूम्रपान कैंसर और फेफड़ों की बीमारियों जैसे क्रोनिक आब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी रोगों, दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, डायबिटीज, महिलाओं में बांझपन, जन्म के समय कम वजन, समयपूर्व प्रसव, जन्मजात दोषों और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का भी कारण है.

तंबाकू के सेवन से होने वाली प्रमुख बीमारियां
कैंसर का खतरा: धूम्रपान की वजह से रक्त, ब्लैडर, सर्विक्स, फेफड़ों, लिवर, गुर्दे, ग्रसनी, पैनक्रियाज, मुंह, गले, लेरिंक्स, किडनी, कोलन, रेक्टम, पेट का कैंसर भी हो सकता है. फेफड़ों में होने वाले 10 प्रकार के कैंसर में से 9 प्रकार के कैंसर धूम्रपान की वजह से ही होते हैं. भारत में मुंह के कैंसर के 90 फीसदी मामले धुंएरहित तंबाकू की वजह से होते हैं. 

फेफड़े से जुड़ी समस्याएं: तंबाकू का नियमित रूप से अधिक मात्रा में सेवन करने से फेफड़े या माउथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को होने का खतरा बढ़ जाता है. सीओपीडी फेफड़ों का रोग है, जिसमें फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम होने के कारण सांस की समस्याएं हो जाती हैं. सीओपीडी के कारण होने वाली 10 में से 8 मौतें धूम्रपान की वजह से ही होती हैं. बचपन एवं किशोरावस्था में धूम्रपान की वजह से व्यस्क होने पर सीओपीडी संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है.

दिल से जुड़ी बीमारियां: सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों में मौजूद निकोटीन आपकी रक्त वाहिकाओं को संकरा कर देता है, जिससे दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं. इससे खून के थक्के बन जाते हैं, जो हार्ट अटैक या ब्लॉकेज का कारण बनते हैं.

हाई ब्लड प्रेशर: धूम्रपान रक्तचाप को बढ़ा देता है. इससे रक्त वाहिकाओं की दीवार कमजोर हो जाती है. खून के थक्के बढ़ने का भी खतरा रहता है. सिगरेट पीने से हाइपरटेंशन, एरिथमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ती है

डायबिटीज: धूम्रपान का असर इंसूलिन पर भी पड़ता है, जिससे इंसूलिन प्रतिरोध का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग पहले से डायबिटीज के रोगी हैं, उनमें धूम्रपान कई तरह की जटिलताओं को और बढ़ा देता है.

प्रजनन क्षमता होती है प्रभावित: तंबाकू या सिगरेट के सेवन से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. यदि पुरुष अधिक 

तंबाकू छोड़ने के उपाय
1. ऐसे दोस्तों से दूर रहें जो खुद तंबाकू खाते हैं और दूसरों की भी जबरदस्ती खिलाते हैं.
2. तंबाकू एकदम से नहीं छोड़े. इसकी मात्रा धीरे-धीरे कम करें. रक्त में निकोटिन की मात्रा एकदम से कम होने पर आपको समस्या हो सकती है.
3. बारीक सौंफ और मिश्री अपने पास रखें. जब भी तंबाकू खाने का मन करे इसे फांक लें.
4. अजवाइन को तवे पर भून लें. इसे उसी तरह खाएं, जिस तरह से गुटखा या तंबाकू खाते हैं.
5. आंवला, सौंफ और इलायची को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें. जब तंबाकू खाने की इच्छा हो तो तुरंत इस पाउडर को खा लें.
6. यदि आपका मन अधिकतर तंबाकू खाने या स्मोकिंग करने का करता है तो 3-4 तुलसी की पत्तियों का सेवन सुबह- शाम शुरू कर दें. इस तरह से धूम्रपान छूट जाएगा. 
7. अदरक का सेवन भी तंबाकू की लत से निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकता है. इसके लिए आप थोड़ी सी अदरक का सेवन कर सकते हैं.
8. तंबाकू की लत सताए तो इससे होने वाली गंभीर बीमारियों को याद करें.
9. यदि आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर की मदद लें. धूम्रपान छोड़ने से आपके दिल और पूरे शरीर की सेहत में सुधार होगा.


 

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